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    करतारपुर गलियारा

    भारत और पाकिस्तान में शुक्रवार को जीरो पॉइंट पर करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा के लिए मुलाकात की थी। जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद दोनों देशो के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। इस बैठक में दोनों पक्षों से 15 अधिकारीयों का समूह था।

    यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर जिले को जोड़ेगा और सिख श्रद्धालुओं के लिए वीजा मुक्त यात्रा की सुविधा को मुहैया करेगा। करतारपुर साहिब की स्थापना सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव  ने साल 1522 में की थी।

    भारत ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा लिया था और इसके बाद यह पहली बैठक है। भारत सरकार ने जम्मू कह्स्मिर और लद्दाख को दो केन्द्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया है। नारोवल में गलियारे को खोलने के तौर तरीको पर भारत और पाकिस्तान के बीच अभी भी चर्चा की जा रही है।

    करतारपुर गलियारे पर बीते कुछ महीनो में कई चरणों की बैठक हो चुकी है जिस दौरान दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने कई पहलुओं पर चर्चा की थी। इस गलियारे के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ रूपए खर्च कर रहा है। इस धन को उच्च स्तर की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की स्थापना करने के लिए खर्च किया जायेगा।

    गलियारे के खुलने के बाद यह करतारपुर में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब तक सिख श्रद्धालुओं को पंहुचने की अनुमति होगी। इस स्थल पर गुरु नानक देव ने साल 1539 अपनी आखिरी साँस ली थी। इस निर्माण कार्य का सितम्बर के अंत तक पूरे होने की सम्भावना है।

    करतारपुर गलियारा भारत-पाकिस्तान की सीमा से पंजाब का गुरदासपुर तीन किलोमीटर की दूरी पर है। इस खुलने के बाद पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में सीधे सिख श्रद्धालुओं को पंहुचने की अनुमति मिलेगी।

    पाकिस्तान की तरफ सद्कार निर्माण कार्य से संभावित बाढ़ की आशंका है। हालाँकि भारत एक पुल का निर्माण करवा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को अभी मौसमो में सुरक्षा मुहैया की जा सके। भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए एक ब्रिज का निर्माण करे।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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