भारत और पाकिस्तान के अधिकारीयों ने बुधवार को करतारपुर गलियारे की तीसरे चरण की वार्ता का आयोजन किया था। इस वार्ता में इस्लामाबाद निरंतर नानाकना साहिब की यात्रा के लिए सिख श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलने के लिए आग्रह कर रहे थे लेकिन भारत ने इस आग्रह को खेज कर दिया है।
दोनों राष्ट्रों ने चर्चा की और समस्त दुनिया से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को संचालित करने के लिए मसौदे समझौते को आखिरी स्वरुप दे दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बदल ने कहा कि “मैं हैरत में हूँ कि पाकिस्तानी ऐसी मांग कर रहा है। वह एक ऐसे समुदाय से शुल्क वसूलना चाहते है जो आस्था के लिए उनके मुल्क जाना चाहते है।”
उन्होंने कहा कि “यह सबूत है कि वह अड़चने पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस योजना पर कार्य डेढ़ साल से होरहा है और गलियारे को खोलने में केवल दो महीने का समय ही बाकी है।” पाकिस्तान के विभागों ने गुरुवार को निर्णय लिया कि वह समस्त दुनिया से आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए वीजा जारी करने की प्रक्रिया को सितम्बर से शुरू करेंगे। सिख श्रद्धालु ननकाना साहिब में गुरु नानक की 550 वीं सालगिरह में शामिल होंगे।
डॉन की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका निर्णय पंजाब के गवर्नर चौधरी सर्वर की अध्यक्षता में धार्मिक पर्यटन एवं विरासत परिषद् की बैठक में लिया गया था। बैठक के खत्म होने के बाद सर्वर ने पत्रकारों से कहा कि “वीजा जारी करने की प्रक्रिया 1 सितम्बर से शुरू हो जाएगी और इस महीने के अंत तक कार्य पूर्ण हो जायेगा।
बीते हफ्ते पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान के सूचना और प्रसारण में विशेष सहयोगी फिरदौस आसिक ने कहा कि “कश्मीर मसले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा संबंधो के बावजूद करतारपुर गलियारे का उद्घाटन समारोह आयोजित किया जायेगा।”