पाकिस्तान ने कहा कि करतारपुर गलियारा इमरान खान सरकार के लिए उच्च दर्जे की कूटनीति थी। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत के साथ मसलन को सुलझाने में कोई प्रगति नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि कश्मीर मसला पाकिस्तान की प्राथमिकता में सर्वोपर्री होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नई सरकार के लिए कार्तारपुर गलियारा एक कूटनीतिक तरीका था, साथ ही अफगान शांति में सहयोग भी कूटनीति के तहत है।
मोहम्मद फैसल ने कहा कि भारत ने शांति वार्ता को आगे बढाने से इनकार कर दिया था, बावजूद इसके पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे की नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि इस कदम को समूचे विश्व ने सकारात्मक लिया, विशेषकर सिख समुदाय ने इसका काफी सराहना की थी। उन्होंने कहा कि हम करतारपुर गलियारे के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के साथ विवादित मसलों पर अभी कोई प्रगति नहीं हुई है और करतारपुर गलियारा ही सिर्फ सकारात्मक विकास है। उन्होंने कहा कि “हम सफल नहीं हो सके, हमने कई प्रयास किये लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। आप कह सकते हैं कि यह सफलतापूर्वक नहीं रहा।”
कश्मीर में हिंसा की आलोचना करते हुए मोहम्मद फैसल ने कहा कि कश्मीर के मसले को सहानुभूति के लिए हम 5 फ़रवरी, 2019 को लन्दन में रखेंगे, जहां विदेश मंत्री उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि भारत की जेल में 341 पाकिस्तानी कैदी है, जिसमे 154 आम कैदी और 187 मछुवारे हैं। उन्होंने कहा कि 12 आम नागरिकों और 33 मछुवारों की कारावास की सज़ा ख़त्म हो चुकी है और पाकिस्तान उन्हें वापस लाने के लिए कार्य कर रहा है।
अफगान शांति प्रक्रिया में भारत की भूमिका पर मोहम्मद फैसल ने कहा कि “भारत का इसमें कोई किरदार नहीं है।” उन्होंने कहा कि पक्सितन सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सम्बन्ध चाहता है और विदेश मंत्री की इस सप्ताह चार देशों की यात्रा ने इसकी संभावनाए भी बढ़ा दी है। पाकिस्तान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, आर्थिक वृद्धि और समृद्धि का लक्ष्य रखकर आर्थिक विकास करना चाहता है।