भारत के कश्मीर में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। पाकिस्तान की यात्रा पर गए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने संयुक्त बयान में भारत के साथ बातचीत के प्रयासों और करतारपुर गलियारे के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सराहना की थी।
संयुक्त बयान में कहा गया कि “दोनों देशों के मध्य विवादों को सुलझाने के लिए और क्षेत्रीय शान्ति व स्थिरता के लिए बातचीत की एकमात्र मार्ग है।” आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक “क्राउन प्रिंस, उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने इमरान खान की भारत के साथ वार्ता और करतारपुर गलियारे की नीव के लिए सराहना की थी। उन्होंने कहा कि वार्ता ही विवादों को रास्ता है।”
चरमपंथ और आतंकवाद के मसले पर उन्होंने कहा कि “दोनों देशों को आतंकवाद से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना जारी रखना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उपलब्धियों व कुर्बानियों के प्रति प्रशंसा करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक आतंकवाद के खात्मे की जिम्मेदारी अपनी कांधों पर लेनी चाहिए।
भारत ने अमेरिका के सहयोग से मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने करने का प्रस्ताव यूएन में प्रस्तावित किया था। इस मसौदे को चीन ने खरिज करते हुए कहा कि भारत के समक्ष मसूद अज़हर के खिलाफ ठोस सबूत व पुख्ता तथ्य नहीं है। सरकार ने पी-5 देशों के राजदूतों जापान, यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों को पाकिस्तानी समर्थित आतंक के बाबत बताना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्य है, जिसमे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन है।
जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर पर साल 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले का भी आरोप है। भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेर्वड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया है। भारत ने कहा है कि पाक को अलग-थलग करने के लिए हर संभावित कदम उठाएगा।गुरुवार को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जेईएम ने ली है। इसमें 40 सैनिक शहीद हुए और पांच बुरी तरह जख्मी हुए हैं।