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पंजाब के मुख्यमंत्री अम्रिदर सिंह

भारत और पाकिस्तान के मध्य करतारपुर गलियारे के निर्माण की मंज़ूरी देने के बाद सिख श्रद्धालुओं के लिए नानक साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करना आसान हो गया है लेकिन विवाद गहराते जा रहे हैं। पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे के निर्माण पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है जिसके पीछे पाकिस्तान की सेना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि करतारपुर गलियारे का खोलना पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी का प्लान है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना भारत के खिलाफ कोई गहरी साजिश रच रही है। उन्होंने कबूल किया कि पाकिस्तान पंजाब में चरमपंथ के दोबारा पाँव पसारना चाहता है, इससे सभी भयभीत है।

मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अपने संबंधों पर विवाद करने को लेकर भाजपा और अकाली दल को आड़े हाथो लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि करतारपुर खोलना जनता को मुद्दे से भटकना था ताकि पाकिस्तान के असली मंसूबे छिपे रहे, पाकिस्तान आराम से पंजाब को अस्थिर करने के अपने नकाब मंसूबों में कामयाब हो जाए और आतंकी गतिविधियाँ फैलाएं।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि करतारपुर गलियारे का मसला विभाजन के समय से लंबित है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी और मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के समक्ष करतारपुर बॉर्डर का मसला उठाया था। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भी अपने पाकिस्तानी पूंजाबी समकक्षी परवेज इलाही और मुख्यमंत्री के कार्याकाल में परवेज़ मुशर्रफ के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था।

पाकिस्तान के करतारपुर गलियारे के शिलान्यास समारोह के न्योते को अस्वीकार कर्ण के बाबत अमरिंदर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना भारत के जवानों और नागरिकों को सरहद पर मार रही है, ऐसे में मैं पाकिस्तान जाने के बारे में विचार भी नहीं कर सकता हूँ।

पाकिस्तान में समारोह में शरीक हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी को अपना कप्तान बताया था इस बाबत मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू ने हमेशा उनके साथ पिता तुल्य सुलूक किया है। अमरिंदर ने पाकिस्तान को पंजाब में पने नीच मंसूबों को सफल करने और पंजाब में अस्थिरता फैलाने के लिए चेताया है। उन्होंने पाकिस्तान को तत्काल सरहद पर भारतीय समा के जवानों की हत्या करने के बाबत भी आगाह किया है।


स्त्रोत: CNN-News 18

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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