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    कमांड लाइन इंटरफेस command line interface in hindi

    विषय-सूचि

    कमांड लाइन इंटरफेस (what is command line interface in hindi)

    कमांड लाइन इंटरफ़ेस या फिर कमांड लैंगवेज़ इंटेर्प्रेटर को हम कमांड लाइन यूजर इंटरफ़ेस के नाम से भी जानते हैं।

    यह कम्प्युटर प्रोग्राम की मदद से जब भी कोई उपयोगकर्ता इसे कमांड देता है किसी लाइन में लिखे हुए कोड़ से तो यह प्रभावी रूप से काम करता है। जो प्रोग्राम इस कार्य को करता है उसे हम कमांड लैंगवेज़ इंटेर्प्रेटर बोलते हैं।

    1960 में यह एक अकेला ऐसा प्राथमिक स्त्रोत था जो की ज़्यादातर कम्प्युटर सिस्टमों में काम आता था और यह 1970 तक ऐसे ही चलता रहा था।

    इंटरफ़ेस की कमांड लाइन को ध्यान में रखते हुए ही बनाया जाता है जिससे की जब भी किसी लाइन में कुछ कमांड लिखा हो तो उसे देखके यह काम करना चालू करे।

    जो ज्यादा कम्प्युटर के इस्तेमाल में विश्वास नहीं करते वह कमांड लाइन इंटरफ़ेस का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इसकी जगह ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस या फिर मेनू ड्रीवेन इंटेरेक्शन को इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।

    कमांड लाइन यूजर इंटरफ़ेस जो है वह तकनीकी विशेषज्ञ और अच्छे दिमाग वाले लोग इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि उन्हे काफी अच्छा और प्रगतिशील कम्प्युटर सिस्टम इस्तेमाल करने के लिए चाहिए होता है।

    जिससे की वे लोग अच्छे से अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को चला सकें और अपने सिस्टम का भरपूर इस्तेमाल कर सकें।

    कमांड लाइन यूजर इंटरफ़ेस सॉफ्टवेयर में काफी भाषा इस्तेमाल करता है जैसे की टीसीआई, पीएचपी, और बाकी की भाषा। इन्हे और भी टूल इसके लिए चाहिए होते हैं जैसे की विनजिप, कुछ एफ़टीपी और एसएसएच क्लाईंट।

    कमांड लाइन इंटरफेस के मापदंड (rules of command line interface in hindi)

    एप्स के प्रोग्राम में कमांड लाइन इंटरफ़ेस होता है। आइए समझते हैं की कमांड लाइन इंटरफ़ेस किस तरह से काम करता है।

    • पैरामीटर – ज़्यादातर ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी प्रोग्राम को लॉन्च होने से पहले अतरिक्त जानकारी को देने का काम करते हैं। जब भी किसी प्रोग्राम को ओएस कमांड लाइन शैल में डाला जाता है तब यह अतरिक्त लेख देता है जिससे की प्रोग्राम का नाम आगे के प्रोग्राम में चल सके।
    • इंटरैक्टिव कमांड लाइन सेशन – लॉन्च के बाद प्रोग्राम को ऑपरेटर की जरूरत होती है जिससे की वह उसमे लिख कर कमांड दे सके और यह इंटरफ़ेस काम कर सके।
    • ओएस इंटर प्रोसैस कमयूनिकेशन – ज़्यादातर ऑपरेटिंग सिस्टम इसी का इस्तेमाल करते हैं। कमांड लाइन क्लाईंट प्रोसैस की मदद से सीएलआई प्रोग्राम के द्वारा किया जाता है। कुछ एप्स केवल सीएलआई को सपोर्ट करती है और जो भी कमांड लाइन में टाइप किया जाता है उसके हिसाब से चलाती है। बाकी के प्रोग्राम सीएलआई और जीयूआई दोनों ही इस्तेमाल करते हैं। जीयूआई में सीएलआई का एक अलग से विकल्प दिया जाता है जिससे हम उसे इस्तेमाल कर सकें। सीएलआई और जीयूआई दोनों ही अलग अलग तरीके से काम करते हैं। मेटलैब के सारे फीचर, कम्प्युटर प्रोग्राम का न्यूमेरिकल एनालिसिस सीएलआई में होते हैं। सिइरा के गेम जैसे की किंग्स कुएस्ट गेम आंतरिक कमांड लाइन से कमांड लेता था जिससे की वह ग्राफिक विंडो में चल सके।

    कमांड लाइन इंटरफेस के फायदे (benefits of command line interface in hindi)

    सीएलआई की हमें काफी जरूरत पड़ती है क्योंकि काफी तरह की दिक्कतों में और क्वेरी में हमें काफी तरह के विकल्पों की जरूरत होती है तो इसलिए हम इसमे जिससे जल्दी से टेक्स्ट को डाल सकें इसलिए हमें इसकी की इसमे जरूरत पड़ती है।

    कम्प्युटर में प्रोग्राममिंग भाषा भी इस तरह से ही हमारी काफी मदद करती है। यह बड़े बड़े उद्योगों और कम्प्युटर के टेक्निकल लोगों द्वारा काफी इस्तेमाल होती है क्योंकि वह इसे काफी सक्षम मानते हैं।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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