कमल हसन अपने चाहने वालों के लिए किसी सुपर हीरो से कम नहीं है। हसन अपने विवादास्पद बयानों के चलते कुछ महीनो से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके अलावा हसन अपने आप को राजनीति में आने के संकेत भी दे रहे हैं।
कमल हसन लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। इनमें केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल है। केजरीवाल से मिलने के दौरान हसन ने भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ने की बात की थी।
लेकिन कमल हसन ने एक बार फिर से विवादित बयान दे कर राजनीती गलियारों में गर्माहट दे दिया है। दक्षिण के लोकप्रिय अभिनेता कमल हसन ने कहा है कि हिंदूवादी बात करने वालो को दक्षिणपंथी नहीं स्वीकारता।
कमल हासन ने कहा, ‘हिंदू आतंकवाद की बात कहने वाले लोगों को दक्षिणपंथी चैंलेज नहीं कर सकते हैं, क्योंकि आतंक हिंदू कैंप में भी पहुंच गया है। इस तरह की आतंकी गतिविधियां उन्हें किसी तरह की मदद नहीं करने वाली।
इसपर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और आरएसएस के विचारक डॉ राकेश सिन्हा ने पलटवार किया है। स्वामी ने हसन को कहा कि ना ही वो ईमानदार है और ना वह किसी एक जगह टिकते है। उन्होंने कमल हसन पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो जाके एनआईए को क्यों नहीं बताते कि हिन्दू आतंकवाद को पानी दे रहा है।
स्वामी ने कमल को चापलूस करार दिया। उन्होंने कहा कि उसकी तीन फिल्मे फ्लॉप हो गई है इसलिए वो अब फ़िल्मी दुनिया से रिटायरमेंट लेना चाहता है वैसे वह कही टिकेगा नहीं। उसे लगता है कि कम्युनिस्टों की तरफ से बोलने पर उसे राजनैतिक मुखौटा मिल जायेगा। ये उसका भ्रम है।
संघ विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि कमल हसन तमिलनाडु में पीएफआई और अल उम्मा के प्रभाव में आकर हिंदू आतंक की बात कर रहे हैं। हिंदू सभ्यता के अपमान और भावनाओं को आहत करने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। कमल हसन की कोशिश भावनाएं भड़काने की है।