Thu. Dec 19th, 2024
    कब तक रोकोगे

    मुंबई, 22 मई (आईएएनएस)| चुनाव के नतीजे के आने की अंतिम घड़ी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, लोग नतीजों को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। वक्त बहुत कम बचा है और माहौल गर्म है। ऐसे में अमिताभ बच्चन की एक कविता की पंक्ति से आईएएनएस इस बढ़ते हुए तापमान को कम करने की कोशिश कर रहा है।

    अमिताभ बच्चन की यह कविता हमारे बारे में काफी कुछ कहता है जैसे कि रोजमर्रा की जिंदगी में हम किस चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं, हमारे निरंतर संघर्ष को दर्शाती है यह कविता। इतना ही नहीं, यह कविता चुनाव के सात लंबे चरणों को भी बयां करती है।

    इस कविता के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से आप यह भी समझ सकते हैं कि इस दौरान राजनेताओं ने किस तरीके से अपनी बात रखी, कैसे उन्होंने भाषण दिया, आवश्यक विषयों के स्थान पर अनावश्यक विषयों को लेकर बहस हुई।

    केबीसी 2018 के प्रोमो रिलीज के लिए इस कविता को आर.डी.तैलंग ने लिखा था, जो सोनी के केबीसी टीम के लेखक हैं। तैलंग पिछले कई सालों से अमिताभ बच्चन के साथ केबीसी पर काम कर रहे हैं।

    अमिताभ ने आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की है कि तैलंग ने इसे लिखा, उन्होंने खुद इसे पढ़ा, गाया और इसे संगीत से सजाया।

    कविता ‘कब तक रोकोगे’ हाल ही में सूर्खियों में उस वक्त थी जब सोशल मीडिया में उनके इस लेख का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए किया जा रहा था।

    तैलंग ने पोस्ट किया, “जब पिछले सीजन में अमिताभ बच्चन द्वारा सुनाई जाने वाली इस कविता को मैंने लिखा था तो यह स्पष्ट था कि यह कविता एक आम आदमी के लिए है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *