पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा कि स्थायी बल्लेबाजी स्लॉट का विचार शायद टी-20 क्रिकेट के जमाने में अप्रासंगिक है और भारत को इंग्लैंड में विश्व कप में नामित नंबर के साथ नही जाना चाहिए।
विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम ने तीसरे वनडे विश्व कप के ताज की तलाश में इंग्लैंड के लिए उड़ान भरने से पहले उम्मीदवारों की एक श्रृंखला के कई ऑडिशन लिए थे।
आलराउडंर विजय शंकर को विश्वकप में नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के लिए माना जा रहा है और टीम के इस स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए लोकेश राहुल के रुप में एक ओपनर बल्लेबाज भी है लेकिन कपिल देव, जो 1983 विश्वकप विजेता टीम के कप्तान थे, उन्होने कहा बल्लेबाजी क्रम सीमांकन धुंधला गया है।
कपिल ने एक प्रचार कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा, “टी-20 क्रिकेट के जमाने में, यह कहना मुश्किल है कि ओपनर कौन है और नंबर चार कौन है।”
उन्होने आगे कहा, “इन दिनों मानसिकता किसी को भी जा सकती है और कोई भी किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी कर सकता है। याद कीजिए जब (महेंद्र सिंह) धोनी जब युवराज सिंह से पहले मुंबई में 2011 विश्वकप में पहले आए थे?
“पिछले 10 वर्षों में क्रिकेट इतना बदल गया है कि स्थायी स्लॉट्स के लिए सोचना लगभग अजीब लगता है, जिसमें ओपनरो का स्थान भी लगभग तय नही रहता है।”
“वास्तव में, इन दिनों आप चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए एक सलामी बल्लेबाज भी भेज सकते हैं।”
कपिल देव ने विश्वकप के लिए अपनी टॉप तीन में भारत, गत चैंपियंस ऑस्ट्रेलिया और मेजबान इंग्लैंड को चुना है और इनके साथ एक और जो टीम होगी उसमें उन्होने न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज को चुना है।
भारत में अब तक के सबसे महान ऑलराउंडर खिलाड़ी कपिल ने कहा कि कोहली के नेतृत्व में टीम में युवाओं और अनुभव का सही मिश्रण है और टूर्नामेंट जीतने के लिए आवश्यक संतुलन है।
उन्हें हार्दिक पांड्या से बहुत उम्मीदें हैं, जिन्हें अक्सर ‘अगले कपिल देव’ के रूप में जाना जाता है, लेकिन जोर देकर कहा कि सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर को स्वतंत्र रूप से खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होने कहा, ” उनपर दबाव नही डाला जाना चाहिए। उन्हे अपना प्राकृतिक खेलन दो वो भी एक खुली मानसिकता के साथ, बल्कि उसकी तुलना करने के साथ उसे दबाव में डालना। मुझे यह बिलकुल पसंद नही है कि किसी की तुलना किसी से हो।”