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    कन्हैया कुमार के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को नहीं मिली दिल्ली कोर्ट से स्वीकृति

    दिल्ली के एक कोर्ट ने आज दिल्ली पुलिस को पूर्व जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ बिना दिल्ली सरकार की मंजूरी लिए चार्जशीट दाखिल करने के लिए आलोचना की है।

    मामले की सुनवाई करते वक़्त, कोर्ट ने पुलिस को कहा-“आपके पास कानूनी विभाग की तरफ से मंजूरी नहीं है, आपने बिना किसी मंजूरी के चार्जशीट क्यों दाखिल की?”

    मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने अदालत को बताया कि उन्हें 10 दिनों के भीतर मंजूरी मिल जाएगी।

    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कन्हैया कुमार के खिलाफ 2016 में जेएनयू में राष्ट्र-विरोधी समारोह आयोजित करने के लिए 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और जम्मू-कश्मीर के सात छात्रों-अकीब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईया रसोल, बशीर भट और बशारत को चार्जशीट में नामित किया गया है।

    उनके ऊपर सांसद हमले के मास्टरमाइंड अफ़ज़ल गुरु की फांसी के खिलाफ कॉलेज कैंपस में समारोह आयोजित करने का इलज़ाम लगा हुआ है। उनकी गिरफ़्तारी से उस वक़्त काफी विवाद खड़ा हुआ था और विपक्ष ने पुलिस को ये कहकर लताड़ लगाई थी कि वे भाजपा के कहने पर ये सब कर रही है।

    कन्हैया कुमार और उमर खालिद ने कहा था कि उनके खिलाफ लगा मामला राजनीती से प्रेरित है। कन्हैया ने NDTV को बताया-“जब मजिस्ट्रियल जांच हुई तो फैसला ये आया कि जेनएयू का कोई भी छात्र इसमें शामिल नहीं था। मैं ये कहना चाहता हूँ कि पुलिस ने चार्जशीट तीन साल बाद दाखिल की। मैं उनका धन्यवाद देता हूँ।”

    ANI को उन्होंने बताया-“चुनाव के तीन साल बाद चार्जशीट दाखिल करना, स्पष्ट रूप से इसे राजनीति से प्रेरित दर्शाता है। मुझे अपने देश की न्यायपालिका पर भरोसा है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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