सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान में हिंदुओं के प्रमुख कटास राज मंदिर की खराब हालत को लेकर पाकिस्तान सरकार को जमकर फटकार लगाई है। पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की सरकार की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज मियां साकिब निसार ने कहा कि पंजाब सरकार कटास राज मंदिर की रक्षा करने में विफल रहा है।
दरअसल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित कटास राज मंदिर के सरोवरों व तालाब में पानी धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। मंदिर के तालाब की स्थिति सूखने जैसी हो गई है। गौरतलब है कि इस मंदिर के पास में बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों का निर्माण किया जा रहा है।
यहां पर स्थापित सीमेंट के कारखाने कई बोरवेलों के जरिए बड़ी मात्रा में पानी ले रहे है। साथ ही यहां के निवासियों के द्वारा भी अपने घर के बाहर बोरवेल बनाकर पानी का दुरूपयोग किया जा रहा है। जिस वजह से मिट्टी में जलस्तर काफी नीचे चला गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
इस वजह से कटास राज मंदिर के तालाबों को जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के बाद इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। मंदिर के तालाबों व सरोवर का पानी सूख गया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने कहा कि कटास राज मंदिर सिर्फ हिंदू समुदाय के लिए ही पवित्र स्थान नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विरासत का एक हिस्सा भी है।
मुख्य न्यायाधीश ने पंजाब सरकार को इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति स्थापित करने और सीमेंट कारखाने को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा पंजाब के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वो कटास राज मंदिर के लिए एक वैकल्पिक जल आपूर्ति योजना बनाए।
कटास राज मंदिर से जुड़ी दिलचस्प कथाएं
कटास राज मंदिर के निर्माण के बारे में पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। कटास राज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर कटास में एक पहाड़ी पर है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसके कुंड यानि सरोवर का निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ है।
दरअसल भगवान शिव की पत्नी सती की मृत्यु के बाद जब भगवान शिव खूब रोए थे तब उनके आंसूओं से दो कुंड बने थे। पहला पुष्कर और दूसरा कटास राज मंदिर में बना सरोवर।
इसके अलावा कटास राज मंदिर से जुड़ी एक अन्य दिलचस्प कथा भी है। ये कथा पांडवों से जुड़ी हुई है। कटास मंदिर में जो सरोवर है उसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर पांडवों में से चार भाई पानी पीने के बाद बेहोश होकर इस सरोवर में गिर गए थे।
बाद में बचे पांचवे पांडव यानि युधिष्ठिर के पानी पीने जाने पर यक्ष ने उनसे सवाल किए और फिर उनके भाईयों को ठीक किया।
जिसके बाद से ही यहां पर हिंदुओं की काफी मान्यता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते है। कटास शब्द संस्कृत के कटाक्ष से बना है जिसका अर्थ भी आंसू ही होता है।