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    vlan या वर्चुअल lan क्या है? vlan in computer network in hindi, configuration, tutorial, definition

    विषय-सूचि

    वर्चुअल लैन क्या है? (vlan in hindi)

    वर्चुअल LAN या VLAN एक ऐसा कांसेप्ट है जिसके द्वारा हम लेयर दो यानी डाटा लिंक लेयर पर डिवाइस को दोगिकाल्ली विभाजित कर सकते हैं।

    सामान्यतः ब्रॉडकास्ट डोमेन को लेवल 3 लेयर विभाजित करता है लेकिन यहाँ भी हम VLANs  के कांसेप्ट से स्विचों का प्रयोग कर के ऐसा कर सकते हैं।

    ब्रॉडकास्ट डोमेन एक ऐसा नेटवर्क सेगमेंट है जिसमे अगर डिवाइस किसी पैकेट को ब्रॉडकास्ट करता है उस समान ब्रॉडकास्ट डोमेन के सभी डिवाइस उसे प्राप्त करेंगे।

    समान ब्रॉडकास्ट डोमेन में होने वाले सभी डिवाइस सारे ब्रॉडकास्ट पैकेट्स को प्राप्त करेंगे लेकिन वो स्विचों तक ही लिमिटेड है क्योंकि routers ब्रॉडकास्ट पैकेट्स को बाहर फॉरवर्ड नही करता।

    इसीलिए पैकेट्स को अलग VLAN में फॉरवर्ड करने के लिए (एक VLAN से दूसरे VLAN में) या फिर डोमेन को ब्रॉडकास्ट करने के लिए, इंटर VLAN routing कि जरूरत पड़ती है।

    VLAN के द्वारा विभिन्न छोटे-छोटे आकार के सब-नेटवर्क को बनाया जाता है जिन्हें हैंडल करना तुलनात्मक रूप से आसान रहता है।

    VLAN Ranges in hindi

    VLANs और उनके रेंज को समझने के लिए इस तालिका को ध्यान से देखें:

    VLANs

    Range

    Usage

    Propagated
    by VTP

    0, 4095

    रिजर्व्ड

    केवल सिस्टम के प्रयोग के लिए। आप इन VLANs को देख नहीं सकते और प्रयोग भी नही कर सकते।

    नही

    1

    नार्मल

    सिस्को डिफ़ॉल्ट। आप इसे प्रयोग तो कर सकते हैं लेकिन डिलीट नहीं कर सकते।

    हाँ

    2-1001

    नार्मलईथरनेट VLANs के लिए प्रयोग किया जाता है। आप इन्हें बना सकते हैं, प्रयोग कर सकते हैं और डिलीट भी कर सकते हैं।

    हाँ

    1002-1005

    नार्मल

    FDDI के लिए सिस्को डिफ़ॉल्ट और टोकन रिंग। आप इन VLANs को डिलीट नही कर सकते।

    हाँ

    1006-4094

    एक्सटेंडेड

    केवल ईथरनेट VLANs के लिए.एक्सटेंडेड VLANs को कॉन्फ़िगर करते समय इन बातों का ध्यान रखें:

    लेयर 3 पोर्ट और कुछ सॉफ्टवेर फीचर को इंटरनल VLANs की जरूरत होती है. इंटरनल VLANs को 1006 और उस से उपर पर allow किया गया है। ऐसे प्रयोग के लिए allocate हुए VLAN का आप इस्तेमाल नही कर सकते. इंटरनल प्रयोग होने वाले VLANs को डिस्प्ले करने के लिए, Show vlan internal usage कमांड को इंटर करें।

    VLANs 1006-1024 के कॉन्फ़िगरेशन को कैटेलिस्ट प्रोडक्ट फैमिली पर चले वाले विच सपोर्ट नही करते.अगर आप VLANs 1006-1024 को कॉन्फ़िगर करते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि VLANs ऐसे किसी स्विच पर एक्सटेंड ना हो जो कैटेलिस्ट प्रोडक्ट फैमिली पर चलते हैं।

    आपको एक्सटेंडेड सिस्टम आईडी को इनेबल करना होगा ताकि आप एक्सटेंडेड रेंज VLANs का प्रयोग कर पायें।

     

    वर्चुअल लेन का कॉन्फ़िगरेशन (vlan configuration in hindi)

    अगर आपको VLAN क्रिएट करना है तो सीधा नाम और id देकर ऐसा कर सकते हैं:

    #switch1(config)#vlan 2
    #switch1(config-vlan)#vlan accounts

    यहाँ पर 2 इस VLAN कि id है और vlan name इसका अकाउंट नाम है। अब VLAN को स्विच पोर्ट कैसे असाइन करते हैं वो नीचे देखें:

    Switch(config)#int fa0/0
    Switch(config-if)#switchport mode access
    Switch(config-if)#switchport access Vlan 2

    अब स्विचपोर्ट का रेंज भी जिस VLAN को चाहें उसे असाइन कर सकते हैं:

    Switch(config)#int range fa0/0-2
    Switch(config-if)#switchport mode access
    Switch(config-if) #switchport access Vlan 2

    अब vlan2 को स्विचपोर्ट fa0/0,fa0/1,fa0-2 असाइन हो जाएगा।

    VLAN के फायदे (Advantages of vlan in hindi)

    अब हम आपको VLAN के कुछ लाभ बता रहे हैं जो कि निम्नलिखित हैं:

    • परफॉरमेंस– नेटवर्क ट्रैफिक ब्रॉडकास्ट और मल्टीकास्ट से भरे होते हैं। VLAN हमे ऐसे ट्रैफिक को जहां जरूरत नही है वैसे लोकेशन पर भेजने की जरूरत को समाप्त कर देता है। जैसे कि उदाहरण के रूप में मान लीजिये कि ट्रैफिक को दो डिवाइस के लिए तैयार किया गया है लेकिन उसी ब्रॉडकास्ट डोमेन में दस डिवाइस हैं तो ट्रैफिक हर जगह पहुंचेगा और इस से बैंडविड्थ कि बर्बादी होगी। लेकिन वहीं अगर हम VLAN बना लेते हैं तो मल्टीकास्ट और ब्रॉडकास्ट पैकेट उन्ही डिवाइस में जाएगा जहां हम भेजना चाहते हैं।
    • वर्चुअल ग्रुप्स का बनना– जैसे सभी संस्था या कम्पनी में सेल्स, मैनेजमेंट इत्यादि कई तरह के डिपार्टमेंट होते हैं वैसे ही VLAN devices को उनके जरूरत और डिपार्टमेंट के हिसाब से अलग-अलग logically बनाये गये समूह में डाल सकता है।
    • सिक्यूरिटी– समान नेटवर्क में अगर सेंसिटिव डाटा ब्रॉडकास्ट हुआ तो कोई बाहरी उसे एक्सेस कर सकता है लेकिन VLAN बनाने के बाद हम ब्रॉडकास्ट डोमेन को नियंत्रित कर सकते हैं और फ़ायरवॉल बना कर एक्सेस भी रेस्ट्रिक्ट कर सकते हैं। यही नही, ये नेटवर्क के मेनेजर को किसी भी प्रकार के बाहरी एक्सेस कि सूचना देने में भी सक्षम है। इसीलिए VLAN नेटवर्क सिक्यूरिटी को भी बढाता है।
    • फ्लेक्सिबिलिटी– ये हमे होस्ट कि संख्या बढाने घटाने कि भी छूट देता है।
    • कोस्ट-रिडक्शन– VLAN के प्रयोग से ऐसे ब्रॉडकास्ट डोमेन भी बनाये जा सकते हैं जिसमे महंगे routers की जरूरत नही पड़ती।

    इसके अलावा VLAN का प्रयोग कर के छोटे आकार के ब्रॉडकास्ट डोमेन कि संख्या बढाई भी जा सकती है जो कि बड़े ब्रॉडकास्ट डोमेन के मुकाबले हैंडल करने में आसान होता है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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