विषय-सूचि
ट्रेसरूट क्या है? (traceroute in hindi)
एक ऐसे स्थिति की कल्पना कीजिये जहां आप किसी एक ख़ास वेबसाइट को एक्सेस नहीं कर पा रहे हों और बाकी वेबसाइट को खोल कर देख पा रहे हैं।
यहाँ पर आपको ये समझ में नहीं आता कि ये आपके नेटवर्क की समस्या है, किसी बीच के नेटवर्क की या फिर वेब सर्वर की तरफ से कोई गड़बड़ी है।
यही पता करने के लिए हम ट्रेसरूट का प्रयोग करते हैं।
अब हम जानेंगे कि आखिर ये ट्रेसरूट है क्या। ये एक बड़े तौर पर प्रयोग किया जाने वाला कमांड लाइन यूटिलिटी हैजो कि लगभग सारे के सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में उपलब्ध है।
ये आपको आपके डेस्टिनेशन एड्रेस तक का पूरा रूट बताता है। ये यह भी बताता है कि दो इंटरमीडिएट राऊटर के बीच कितना समय (या delays) लगेगा। इसीलिए ये काफी काम की चीज है।
यहाँ हम विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में ट्रेसरूट का उदाहरण दिखा रहे हैं:
ट्रेसरूट का आउटपुट (output of traceroute in hindi)
अब हम आपको समझाने जा रहे हैं कि उपर वाले उदाहरण में आये आउटपुट का मतलब क्या होगा। पहला कॉलम एक सीरियल संख्या है जो कि इंटरमीडिएट routers के लिए हैं।
उपर वाले आउटपुट में तीन पैकेट्स को प्रत्येक hop पर भेजा गया है ताकि सभी राऊटर के लिए डिले का अच्छी तरह से अनुमान लग जाए। ये तीन कॉलम तीनो अलग-अलग पैकेट्स द्वारा लिए गये समय को दर्शा रहे हैं।
अंतिम कॉलम इंटरमीडिएट राऊटर का नाम या IP है। आउटपुट पहले hop के लिए तीन डिले दिखा रहा है। उसके बाद दूसरे hop के लिए और ऐसे ही ये क्रम चलता जाएगा।
कमांड: ट्रेसरूट के लिए आपको विंडोज में आपको tracert कमांड डालना होगा जबकि लिनक्स, उनिक्स और एप्पल के मैक में traceroute कमांड डालना पड़ेगा।
ट्रेसरूट की कार्यप्रणाली (working of traceroute in hindi)
जैसा कि आप नीचे चित्र में देख सकते हैं, यहाँ सोर्स और डेस्टिनेशन के बीच इंटरमीडिएट routers हैं।
ये बहुत सारे पैकेट्स डेस्टिनेशन की तरफ भेजते हैं।
पैकेट्स का पहला सेट (हमने उपर वाले उदाहरण में तीन पैकेट दिखाए हैं) को इस तरह भेजा जाएगा कि वो पहले इंटरमीडिएट hop पर ड्राप कर दिए जाएँ और पहले इंटरमीडिएट नोड से एक कण्ट्रोल मैसेज प्राप्त किया जाएगा जिसमे पहले hop के लिए समय का अनुमान लगाने कहा जाएगा।
पैकेट्स का दूसरा सेट (हमने उपर वाले उदाहरण में तीन पैकेट दिखाए हैं) को इस तरह भेजा जाएगा कि वो दूसरे इंटरमीडिएट hop पर ड्राप कर दिए जाएँ और दूसरे इंटरमीडिएट नोड से एक कण्ट्रोल मैसेज प्राप्त किया जाएगा जिसमे पहले hop के लिए समय का अनुमान लगाने कहा जाएगा।
पैकेट को i’th नोड पर ड्राप किया गया है इस बात के लिए sure होने के लिए ट्रेसरूट TTL का प्रयोग करता है। TTL को पहले पैकेट के लिए 1 सेट किया जाता है, दूसरे पैकेट के लिए 2 और ऐसे ही जब तक कि वो डेस्टिनेशन तक पहुँच नहीं जाता।
जब पैकेट को कहीं ड्राप किया जाता है तब राऊटर एक ICMP टाइम exceeded वाला मैसेज सोर्स को भेजता है और यही वो प्रक्रिया है जिसके द्वारा सोर्स कुल समय का अनुमान लगा लेता है। नेटवर्क्स के क्षेत्र में ट्रेसरूट काफी प्रयोग किया जाने वाले कमांड लाइन यूटिलिटी है।
इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।