विषय-सूचि
EtherChannel क्या है?
EtherCHannel एक पोर्ट लिंक एग्रीगेशन टेक्नोलॉजी है जिसमे एक से ज्यादा फिजिकल पोर्ट लिंक को मिला कर एक लॉजिकल लिंक बनाया जाता है।
इसका प्रयोग तेज गति से लिंक और redundancy देने के लिए किया जाता है। ज्यादा से ज्यादा 8 फिजिकल लिंक को मिलाकर एक लॉजिकल लिंक बनाया जा सकता है।
अब मान लीजिये कि आप 100mb/s से ज्यादा का ट्रैफिक भेजना चाहते हैं तो हमारे पास एक congestion है जो कि स्विचों के बीच का लिंक मात्र 100mb/s है और इसी कारण से पैकेट्स ड्राप होने शुरू हो जाएंगे। अब इस समस्या को हल करने के लिए दोनों स्विचों के बीच एक तेज गति का लिंक होना चाहिए।
इस समस्या के समाधान के लिए हम सीधा ये कर सकते हैं कि अभी जो लिंक है उसे एक तेज गति वाले लिंक से रिप्लेस कर दें या फिर एक से ज्यादा 100mb/s के लिंक को साथ में बंडल कर दें। एक EtherChannel बना कर आप ऐसे एक से ज्यादा लिंक को मिला कर एक सिंगल लिंक बना सकते हैं।
EtherChannel के क्राइटेरिया
EtherChannel बनाने के लिए सभी पोर्ट्स का होना जरूरी है:
- समान डुप्लेक्स
- समान गति
- समान VLAN कॉन्फ़िगरेशन (नेटिव VLAN और allow किया गया VLAN समान होना चाहिए)
- स्विच पोर्ट मोड समान होने चाहिए (एक्सेस और ट्रंक मोड)
EtherChannel के प्रोटोकॉल्स
EtherChannel के अंदर कुल दो प्रोटोकॉल्स हैं :
1. पोर्ट एग्रीगेशन प्रोटोकॉल (PAgP)
पोर्ट एग्रीगेशन प्रोटोकॉल एक सिस्को प्रॉपर्टी प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग एक EtherChannel बनाने के लिए किया aजाता है। इसमें विभिन्नप्रकार के मोड्स हैं जिनमे आप इंटरफ़ेस को कॉन्फ़िगर कर सकते हैं:
- ON– इन मोड में इंटरफ़ेस EtherChannel का अंग तो होगा लकिन कोई negotiation नही किया जा सकता है।
- Desirable– इस मोड में इंटरफ़ेस लगातार ये प्रयास करता रहेगा कि इंटरफ़ेस का दूसरा साइड भी EtherChannel का हिस्सा बन जाये।
- Auto– इस मोड में इंटरफ़ेस EtherChannel का तभी पार्ट होगा जब अपोजिट इंटरफ़ेस इसके लिए निवेदन करे।
- ऑफ– इंटरफ़ेस पर कोई EtherChannel कॉन्फ़िगर नहीं किया जाएगा।
कॉन्फ़िगरेशन:
S1(config)# interface fa0/1 S1(config-if)# channel-group 1 mode desirable S1(config)# interface fa0/2 S1(config-if)# channel-group 1 mode desirable S1(config)# interface port-channel 1 S1(config-if)# switchport trunk encapsulation dot1q S1(config-if)# switchport mode trunk
यहाँ पर यूजर ने Desirable मोड और स्विच पोर्ट मोड Trunk का प्रयोग किया है। अब चूँकि दोनों स्विच पर मोड समान ही होने चाहिए इसीलिए अब दूसरे स्वित्च्घ पर भी यूजर द्वारा इसी मोड को कॉन्फ़िगर करना होगा। अब स्विच 2 पर इस प्रकार कॉन्फ़िगर किया जाएगा:
S2(config)# interface fa0/1 S2(config-if)# channel-group 1 mode desirable S2(config)# interface fa0/2 S2(config-if)# channel-group 1 mode desirable S2(config)# interface port-channel 1 S2(config-if)# switchport trunk encapsulation dot1q S2(config-if)# switchport mode trunk
2. लिंक एग्रीगेशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल (LACP)
लिंक एग्रीगेशन प्रोटोकॉल एक IEEE प्रोटोकॉल है जिसे असलियत में 802.3ad पर परिभाषित किया गया है। ये प्रोटोकॉल सिस्को PAgP के लगभग समान है। केवल दोनों के मोड्स में अंतर है जिनमे आप अपने इंटरफ़ेस को कॉन्फ़िगर कर सकते हैं। वे हैं:
- ON– इन मोड में इंटरफ़ेस EtherChannel का अंग तो होगा लकिन कोई negotiation नही किया जा सकता है।
- Active– इस मोड में इंटरफ़ेस लगातार ये प्रयास करता रहेगा कि इंटरफ़ेस का दूसरा साइड भी EtherChannel का हिस्सा बन जाये।
- Passive– इस मोड में इंटरफ़ेस EtherChannel का तभी पार्ट होगा जब अपोजिट इंटरफ़ेस इसके लिए निवेदन करे।
- OFF– इंटरफ़ेस पर कोई EtherChannel कॉन्फ़िगर नहीं किया जाएगा।
अब हमे समान टोपोलॉजी में दोनों स्विचों S1 और S2 पर बारी-बारी से LACP कॉन्फ़िगर करना है:
S1(config)# interface fa0/1 S1(config-if)# channel-group mode active S1(config)# interface fa0/2 S1(config-if)# channel-group mode active S1(config)# interface port-channel 1 S1(config-if)# switchport trunk encapsulation dot1q S1(config-if)# switchport mode trunk
S2(config)# interface fa0/1 S2(config-if)# channel-group mode active S2(config)# interface fa0/2 S2(config-if)# channel-group mode active S2(config)# interface port-channel 1 S2(config-if)# switchport trunk encapsulation dot1q S2(config-if)# switchport mode trunk
इस तरह से आप दोनों प्रोटोकॉल को ही इंटरफ़ेस पर प्रयोग कर सकते हैं।
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