विषय-सूचि
कनजेषन कंट्रोल क्या है? (congestion control in hindi)
Congestion को नियंत्रित करने की प्रक्रिया जान्ने से पहले आपका ये जानना जरूरी है कि आखिर ये कंजेशन है क्या? ये ऐसी समस्या है जो पैकेट स्विच नेटवर्क में कभी भी आ सकती है।
ऐसा तब हो सकता है जब नेटवर्क के अंदर किसी सबनेट में बहुत सारे पैकेट मोजूद हों।
ये नेटवर्क लेयर में पैदा होने वाली एक ऐसी स्थिति है जहां मैसेज ट्रैफिक इतना ज्यादा हो कि ये नेटवर्क के रिस्पांस टाइम को काफी धीमा कर दे। कंजेशन के निम्नलिखित असर होते हैं:
- जैसे-जैसे डिले बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे ही सिस्टम के परफॉरमेंस में भी गिरावट आती जाती है।
- जब डिले बढ़ता है तो ट्रांसमिशन भी फिर से होता है और स्थिति और भी खराब हो जाती है।
किसी भी नेटवर्क में कंजेशन तब आ सकता है जब नेटवर्क का लोड (नेटवर्क में भेजे गये पैकेट्स की संख्या) नेटवर्क की क्षमता (नेटवर्क कितिनी संख्या में पैकेट्स हैंडल कर सकता है) से ज्यादा हो।
नेटवर्क में अगर व्यवस्था बनाये रखनी है तो कंजेशन को नियंत्रित करना पड़ता है और इसके लिए कुछ अल्गोरिथ्म्स हैं जिनकी चर्चा हम नीचे करेंगे।
लीकी बकेट अल्गोरिथम (leaky bucket algorithm in hindi)
इसे समझने के लिए एक उदाहरण को देखते हैं। किसी ऐसे बकेट की कल्पना कीजिये जिसके नीचे पेंदी में एक छेद हो। इस से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि पानी को किस गति से बाल्टी के अंदर डाला जा रहा है लेकिन पानी बाल्टी से एक निश्चित गति से निकलता ही रहेगा।
अब जब बाल्टी पानी से भर जाये तो सारा अतिरिक्त पानी उसके चारों तरफ से भी निकलने लगेगा और बर्बाद हो जाएगा। ऐसा अप नीचे इस चित्र में देख सकते हैं:
- जब होस्ट किसी भी पैकेट को भेजना चाहता है तो उस पैकेट को उस बकेट में डाल दिया जाता है।
- वो बकेट एक निश्चित गति से लीक होता रहता है जिसका अर्थ ये हुआ कि नेटवर्क इंटरफ़ेस एक निश्चित गति से पैकेट्स को ट्रांसमिट करता रहता है।
- इस तरह से एक अव्यवस्थित ट्रैफिक को यूनिफार्म ट्रैफिक में बदल दिया जाता है और लिकी बकेट इसमें काफी मदद करता है।
- प्रैक्टिस में ये बकेट एक निश्चित लाइन-अप होता है जो कि एक निश्चित गति से आउटपुट देता रहता है।
टोकन बकेट अल्गोरिथम (token bucket algorithm in hindi)
पहले हम जानते हैं कि हमे टोकन बकेट अल्गोरिथम की जरूरत क्यों है। जैसा कि हमने देखा, लिकी बकेट द्वारा आउटपुट पैटर्न देने कि एक औसत गति है भले ही ट्रैफिक कि स्थिति कैसी भी हो।
इसीलिए ज्यादा ट्रैफिक का प्रबन्धन करने के लिए हमे एक फ्लेक्सिबल अल्गोरिथम की जरूरत पड़ती है जिस से कि डाटा कहीं खोये नहीं। टोकन बकेट ऐसा ही एक अल्गोरिथम है।
इसके स्टेप्स को निम्न तरीके से समझा जा सकता है:
- एक निश्चित अंतराल के बाद टोकन को बकेट से बहर निकाल दिया जाता है।
- बकेट के पास एक अधिकतम क्षमता होती है।
- अगर कोई तैयार पैकेट है तो टोकन को बकेट से हटा दिया जाता है और फिर पैकेट को भेजा जाता है।
- अगर बकेट में कोई भी टोकन नहीं है तो पैकेट को नहीं भेजा जा सकता।
उदाहरण: अब हम इस अल्गोरिथम को एक उदाहरण के जरिये समझते हैं। नीचे चित्र a में हमे एक बकेट दिख रहा है जिसने तीन टोकन रख रखा है। वहीं पांच पैकेट ट्रांसमिशन के लिए इन्तजार कर रहे हैं। इसे अब एक टोकन को पकड़ कर उसे ख़त्म करना ही होगा।
Bhut jada madad milti h sir bhut bhut thnks apko itni aasa language me h ki tbhi smj aa jata h
Kafi easy pattern me notes diya , uske liye thanks