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    कैंसर की बिमारी से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लम्बे समय बाद रविवार को सार्वजनिक जीवन में नजर आये। उन्होंने गोवा की राजधानी पणजी के निकट बन रहे 2 पुलों का औचक निरिक्षण किया और काम करने वाले अधिकारियों से कुछ बात चीत की।

    मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी की गई तस्वीर परिक्कर बेहद कमजोर दिखा रहे हैं। उन्होंने नाम में ड्रिप लगा रखी है और सुरखा हेलमेट पहने हुए सरकारी अधिकारियों और इंजीनियरों से बात करते हुए हुए दिखाई दे रहे हैं। वो पणजी के नजदीक मंडोवी नदी पर बन रह पुल का निरिक्षण करने पहुंचे थे।

    इससे पहले भी पिछले महीने परिक्कर की एक तस्वीर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई थी जिसमे परिक्कर अपने घर में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे।

    परिक्कर की तस्वीर सोशल मिडिया पर वायरल हो गई उसके बाद लोग दो भागों में बंट गए। कुछ जहाँ ये कह रहे कि परिक्कर को ऐसी अस्वस्थता की स्थिति में आराम करना चाहिए वहीँ कुछ लोग उनकी जीवटता की तारीफ़ भी कर रहे।

    जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि “बिमारी की अवस्था में भी उन्हें अमानवीय तरीके से काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्हें आराम क्यों नहीं करने दिया जा रहा?”

    उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर लोगों ने उन्हें परिक्कर की जीवटता से सीख लेने की सलाह दी। पत्रकार यशवंत देशमुख ने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “ये तस्वीर हमें सिर्फ प्रेरणा दे रही है कि आखिरी वक़्त में भी आप अपने जीवन को अपने तरीके से जी सकते हैं। किसी कैंसर के मरीज को बिस्तर पर पड़े पड़े पीड़ादायक मौत मरने के लिए क्यों छोड़ दिया जाए?”

    इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट के पणजी बेंच ने पारीकर के स्वास्थ्य के समबन्ध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था क्योंकि विपक्ष ने आरोप लगाये थे कि कई महीनो से परिक्कर की अनुपस्थिति में गोवा की शासन व्यवस्था ठप्प पड़ गई है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि परिक्कर की स्वास्थ्य सम्बन्धी रिपोर्ट को सार्जनिक किया जाए।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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