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नवीन पटनायक

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को राज्य में किसानों के समग्र विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजनाओं की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने कृषक आजीविका और आय संवर्धन योजना (कालिया) के लिए राज्य में किसानों के विकास के लिए 10,000 करोड़ की योजनाओं की शुरुआत को मंजूरी दी।

पटनायक ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “कालिया ऐतिहासिक योजना है और यह राज्य में कृषि समृद्धि को और तेज करेगा और गरीबी को कम करेगा।”

हालांकि इस योजना में कृषि ऋण माफी का प्रावधान नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य के सभी छोटे और माध्यम  किसानों (30 लाख से अधिक) को इस योजना के अंतर्गत लाया जाएगा।”

पटनायक ने कहा कि “खरीफ और रबी मौसम के लिए प्रत्येक परिवार को 5,000 रुपये की दर से 10,000 रुपये की राशि दी जाएगी।” उन्होंने विपक्षी कांग्रेस के ओडिशा में कृषि ऋण माफी के चुनावी वादे को “हास्यास्पद” करार दिया, श्री पटनायक ने कहा कि कृषि ऋण माफी किसानों के एक वर्ग की मदद कर सकती है, लेकिन यह योजना राज्य के 92 प्रतिशत किसानों को कवर करेगी।

राज्य में लगभग 32 लाख काश्तकार हैं। इनमें से लगभग 20 लाख ने फसल ऋण लिया है। शेष 12 लाख ने फसली ऋण नहीं लिया है।”

राज्य में 32 लाख किसान है, इनमे से 20 लाख ने कृषि ऋण लिया है जबकि 12 लाख के ऊपर कोई लोन नहीं है। पटनायक ने कहा, “इसके अलावा, शेयर क्रॉपर्स और भूमिहीन मजदूरों ​​को ऋण माफी योजना के तहत कवर नहीं किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे शेयर क्रॉपर्स और वास्तविक काश्तकारों को बहुत लाभ होगा, जिनमें से अधिकांश के पास बहुत ही कम भूमि है। यह सहायता 2018-19 से 2021-22 तक तीन साल के लिए पांच फसल सत्रों के लिए है। , ताकि व्यापक कवरेज सुनिश्चित हो सके।”

उन्होंने कहा, “दस लाख भूमिहीन परिवारों को बकरी पालन इकाइयों, मिनी परत इकाइयों, बत्तख पालन इकाइयों, मछुआरों और महिलाओं के लिए मत्स्य किट, मशरूम की खेती और मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियों के लिए 12,500 रुपये की लागत के साथ समर्थन किया जाएगा।” इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धावस्था, विकलांगता, बीमारी या अन्य कारणों से खेती न कर पाने वाले किसानों की जीविका का ख्याल रखने के लिए प्रति घर 10,000 वार्षिक प्रदान किए जाएंगे।

By आदर्श कुमार

आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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