मुंबई में ओला-उबर के कैब चालकों की हड़ताल लगातार चौथे दिन भी बरकरार है। इसी के साथ जो थोड़ी-बहुत कैब चल भी रहीं है, उनके लिए यात्रियों से दोगुना किराया वसूला जा रहा है। वहीं एक कैब के लिए अब औसतन 35 मिनट इंतज़ार करना पड़ रहा है।
मालूम हो कि दिल्ली और मुंबई में कैब चालकों ने यात्री किराये में वृद्धि को लेकर 22 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। कैब चालकों की यूनियन का कहना है कि मुंबई जैसे शहरों में पेट्रोल के दामों में 20 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि हुई है, लेकिन इन कंपनियों ने यात्री किराये में किसी भी तरह की कोई वृद्धि नहीं की है।
वहीं इन चालकों के अनुसार पेट्रोल के दामों में हुई बढ़ोतरी से इनकी कमाई पर खासा असर पड़ रहा है, ऐसे में जब तक ये कैब कंपनियाँ उनकी मांगे नहीं मान लेती हैं, कैब ड्राईवरों की ये हड़ताल जारी रहेगी।
कैब चालकों की यूनियन ने कैब कंपनियों द्वारा जल्द ही माँग न मानने पर भूख हड़ताल पर जाने का भी फैसला कर लिया है।
वहीं दूसरी ओर इस घटनाक्रम के संदर्भ में उबर ने बयान जारी करते हुए कहा है कि “यूनियन द्वारा चालकों और हमारे बीच हुए अनुबंध को तोड़ा जा रहा है। बॉम्बे हाइकोर्ट ने पहले ही किसी भी यूनियन द्वारा हड़ताल की घोषणा पर रोक लगा दी थी। हम इन सभी लोगों से अनुरोध करते हैं कि ये हमारे बीच हुए अनुबंध और हाइकोर्ट के आदेश की गरिमा बनाए रखें।”
इन कंपनियों के अनुसार ये अपने चालकों को स्वस्थ बीमा व जीवन बीमा के साथ ही यात्री किराये में अधिक से अधिक हिस्सा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालाँकि मुंबई में फिलहाल कैब चालकों ने अपनी सेवाओं में किसी भी तरह की बहाली का इरादा नहीं बनाया है। देखना होगा कि ये कंपनियाँ इन चुनौतियों से किस तरह निपटती हैं?