Fri. Nov 22nd, 2024
    उबर

    इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओला और उबर जैसे कैब कंपनियों की वृद्धि में इस साल काफी कमी आई है।

    इस कमी के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि दोनों कंपनियों नें आकर्षक ऑफर देना बंद कर दिया है। इसके अलावा दोनों कंपनियों का दावा है कि उन्होनें अपनी कार्य करने की क्षमता में वृद्धि की है।

    साथ ही आपको बता दें कि ओला और उबर दोनों ही कैब से साथ-साथ भोजन-डेलीवेरी में भी कार्य कर रही हैं। जहां उबर नें उबर ईट्स के नाम से भोजन कंपनी शुरू की है, वहीं ओला नें फूडपांडा नामक कंपनी में भारी निवेश किया है।

    इस रिपोर्ट में आगे यह भी बताया है कि हालांकि रोजाना यात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन विकास की गति में कमी हो गयी है। इस साल कुल कैब यात्रा में 20 फीसदी की कमी आई है और इस साल कुल कैब यात्रा की संख्या करीबन 35 लाख बताई जा रही है।

    पिछले साल की यदि बात करें तो साल 2017 में कैब यात्राओं में 57 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जिसके बाद यह करीबन 28 लाख पर पहुँच गयी थी।

    इससे पिछले साल 2016 में दोनों कंपनियों की कैब यात्रा में 90 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जिसके बाद यह संख्या 19 लाख पहुंची थी।

    उबर नें पिछले साल जुलाई में यह दावा किया था कि वह एक सप्ताह में करीबन 94 लाख कैब यात्राएं दी थी, जो कि कंपनी के लिए सालाना 67 फीसदी की वृद्धि थी।

    इस रिपोर्ट के बारे में मेरु कैब के पूर्व सीईओ सिद्धार्थ मावा का कहना है कि इन दोनों कंपनियों नें शुरुआत में जो ऑफर दिये थे, वे अब बंद कर दिये हैं, जिससे प्रति किमी कैब का खर्चा 10 रुपये से बढ़कर 15 रुपये हो गया है। उन्होनें कहा कि इस वजह से जो लोग पहले बस और ट्रेन के जरिये प्रति किमी 3-4 रुपये खर्च कर रहे थे, वे फिर से बस, ट्रेन से सफर करने लग गए हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *