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    om prakash chautala

    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) नें 3.68 करोड़ रुपए का फ्लैट और आसपास की जमीन को जब्त कर लिया है।

    ईडी नें आज सोमवार को कहा है कि उसनें ओम प्रकाश चौटाला का मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के चलते एक फ्लैट और आसपास की जमीन को कब्जे में ले लिया है।

    ईडी नें कहा कि ये संपत्ति दिल्ली, पंचकुला, सिरसा और हरियाणा में स्थिति है। इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के जरिये कब्जे में लिया गया है।

    जाहिर है सीबीआई नें ओम प्रकाश चौटाला पर एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उनपर काले धन को वैध बनाने के आरोप लगाये गए थे।

    ईडी नें अपने बयान में कहा, “चौटाला नें नयी दिल्ली और पंचकुला में अवैध जमीन को खरीदा था और हरियाणा के सिरसा में इसपर घर भी बनाया था। इसमें पैसा अवैध रूप से लगाया गया था।”

    बयान में आगे कहा गया, “जांच में यह भी पता चला है कि चौटाला नें कई अवैध संपत्तियों को वैध बनाने की कोशिश की थी। उन्होनें 2005 और 2009 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में कई ऐसी संपत्तियों का जिक्र किया था। इस दौरान उन्होनें अवैध संपत्ति को वैध संपत्ति बनाने की कोशिश की थी।”

    इससे पहले चौटाला नें बीमारी के चलते अपनी सज़ा में राहत के लिए उन्होंने तिहाड़ जेल प्रशासन के पास याचिका लगाई थी। उस समय तिहाड़ जेल के प्रशासन ने इस मामले को दिल्ली सरकार की कमेटी को भेज दिया था।

    इसके बाद दिल्ली की सरकार नें इस मामले को एलजी के पास भेज दिया था। उन्होनें इस मामले को वापस दिल्ली सरकार को रेफर कर दिया था।

    तब से अब तक यह मामला हाईकोर्ट में पड़ा हुआ है।

    क्या है JBT स्कैम?

    • पूर्व आईएस अधिकारी संजीव कुमार नें सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि ओम प्रकाश चौटाला की सरकार नें साल 2000 में 3208 JBT पदों को भरने के लिए भ्रष्टाचार किया था।
    • कुमार नें इसके बाद उनपर आरोप लगाया कि चौटाला नें उनसे चुने गए उम्मीदवारों के नाम बदलने को कहा था। चौटाला नें इसपर संजीव कुमार पर ही आरोप लगाया कि कुमार नें ही भ्रष्टाचार किया है और सूचि में नाम बदले हैं।
    • सुप्रीम कोर्ट नें इस मामले को सीबीआई को भेज दिया था।
    • सीबीआई नें चार साल तक इस मामले की जांच की और इस दौरान चौटाला और उनके करीबी लोगों से पूछताछ की।
    • सीबीआई नें निष्कर्ष निकाला कि सभी अध्यापकों नें 3-4 लाख की रिश्वत दी थी और उस समय के शिक्षा मंत्री चौटाला नें कुमार को निर्देश दिए थे कि वे सूचि में बदलाव करें और नए नाम डालें।
    • 6 जून, 2008 को सीबीआई नें इस मामले में चार्जशीत जारी की। सीबीआई नें इसमें लिखा कि ओमप्रकाश चौटाला और उनके पुत्र नें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सूचि में नामों को बदला था।
    • सीबीआई की स्पेशल अदालत नें जनवरी 2013 में ओमप्रकाश चौटाला को 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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