11 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनाव के बीच योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए को एक जोर का झटका दिया हैं। गठबंधन के सदस्य और राज्य मंत्री ओ.पी. राजभर रविवार रात 3 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर अपने इस्तीफे के साथ मिलने गए और उन्हे दिखाने की मांग की। जब उनसे कहा गया मुख्यमंत्री जी सो रहे हैं तो वह वहां से चले गए।
सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजभर ने घोषणा की हैं कि वह उत्तर प्रदेश के अंतिम चरण में होने वाले चुनाव की 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। राजभर और उनकी पार्टी भाजपा से पूर्वी उत्तर प्रदेश में उन्हे प्रयाप्त सीटे न देने से नाराज थी। राजभर ने कहा हमने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बीते कुछ महीनों में मात्र दो मुलाकात की।
राजभर ने ऐलान किया कि सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी भाजपा से अब कोई संबंध नही रखेगी। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से राजभर 25 पर अपने उम्मीदवार आज शाम तक घोषीत कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के छठे सातवे चरण पर सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ेगी।
राजभर ने कहा कि मैं हर किसी को जिसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सीएम योगी भी शामिल हैं समझाने की कोशिश की कि हम एक गठबंधन में हैं, अगर हम एक या दो सीटों पर भी नही लड़ेंगे, तो मैं हमारे मतदाताओं से क्या कहूंगा। लेकिन वह मुझ से भाजपा के चिंह पर चुनाव लड़ने को कहते रहे। अंत में, मैंने उनसे एक सीट अपने चिंह पर देने को कहा। लेकिन उन्होंने मुझे सुनने से मना कर दिया।
भाजपा ने राजभर की पार्टी के साथ 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन किया था। सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। यूपी सरकार में राजभार को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था। लेकिन कुछ ही महीनों बाद राजभर ने योगी की सरकार पर उनकी पार्टी को नजरअंदार करने का आरोप लगाया था।
राजभर ने अपने गृह जिले गाजीपुर में मजिस्ट्रेट के कार्यलय के बाहर धरना भी दिया। उन्होंने मीडिया बताया कि सरकार के अधिकारियों ने उनके क्षेत्र में काम कराने की मांग को सुनने से इनकार कर दिया।
राजभर इस से पहले भी कई बार एनडीए को छोड़ने और मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी दे चुके।