ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोर्रिसन ने इजराइल की राजधानी विवादित येरुशलम को बनाने की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने कहा कि इजराइल की राजधानी विवादित शहर यरूशलम को बनाने पर उनकी सरकार विचार कर रही है। ऑस्ट्रेलिया के दूतावास को तेल अवीव से हटाकर येरुसलम में स्थपित करना चाहते हैं।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते मई में अमेरिका का दूतावास तेलअवीव से हटाकर येरुशलम में स्थापित करने का फरमान सुनाया था। अमेरिका के खिलाफ गाज़ा पट्टी पर फिलिस्तानी नागरिक प्रदर्शन कर रहे थे जिनकी आवाज़ों को दबाने के लिए इसरायली सेना ने बल का इस्तेमाल किया। इस दौरान दर्जनों प्रदर्शनकारी मारे गए और हज़ारों घायल हो गए थे।
इजराइल येरुशलम को अपनी अविभाजित राजधानी मानता है और सभी दूतावासों को वहां स्थापित रखने की चाह रखता है। फिलिस्तानी नागरिक इसे स्वतंत्र फिलिस्तान राज्य की राजधानी बनाना चाहते है। पूर्वी येरुशलम के भाग पर इजराइल ने साल 1967 के युद्ध के दौरान आधिपत्य स्थापित कर लिया था।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह द्विराज्य प्रणाली के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा संभवत फिलिस्तान को पूर्वी येरुशलम सौंप दिया जाए जबकि इजराइल की राजधानी पश्चिमी येरुशलम को बना दिया जाए। उन्होंने कहा किसी अंतिम फैसले से पूर्व वह अन्य राष्ट्रों और कैबिनेट सदस्यों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम के ऐलान का स्वागत किया है। जबकि फिलिस्तान के विदेश मंत्री और इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने साझा कांफ्रेंस के जरिये इस फैसले की आलोचना की।
उन्होंने कहा ऑस्ट्रेलिया के पीएम अन्य राष्ट्रों के साथ ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और व्यापार संबंधों को खतरे में डाल रहे हैं। अरब और मुस्लिम समुदाय स्कॉट मोर्रिसन का बहिष्कार कर सकता है।
इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने कहा की उनका देश समस्त विश्व और ऑस्ट्रलिया शांति वार्ता में सहयोग की उम्मीद रखता है। उन्होंने कहा ऐसे कोई कदम न उठाये जो विश्व में शांति प्रक्रिया और स्थिरता को चोट पहुंचाये।
स्कॉट मोर्रिसन ने कहा कि इस घोषणा से पूर्व उन्होंने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को सूचित कर दिया था। अरब देशों के 13 राजदूत मंगलवार को कैनबेरा में इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए बैठक करेंगे।