वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के अनुसार केंद्र सरकार देश में ऐप्पल की पहली मैन्युफक्चरिंग कंपनी स्थापित करने में उसकी मदद करेगी, फिलहाल सरकार क्यूपर्टिनो की ओर से जारी एक औपचारिक प्रस्ताव का इंतजार कर रही है। इसे लेकर भारत सरकार सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक करने वाली है, ताकि पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया अभियान के तहत एप्पल के साथ बेहतरीन डील की जा सके।
प्रभु ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि यदि हम उनसे यह प्रस्ताव हासिल करने में सफल हो जाते हैं तब… हमें दुनियाभर के शीर्ष ब्रांडो में से एक एप्पल को यहां लाकर अति प्रसन्नता होगी। गौरतलब है कि ऐप्पल ने देश में अपनी विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए कुछ रियायतें मांगी हैं।
बदले में सरकार ने इस बड़ी आइफोन मेकर कंपनी से निवेश और रोजगार सृजन संबंधी कुछ जानकारी मांगी है, ताकि देश में आईफोन मेकर ऐप्पल की विनिर्माण सुविधा स्थापित की जा सके। आप को बता दें कि एप्पल इंडिया ने 15 साल की अवधि के लिए स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग, रिपेयरिंग यूनिट, पूंजीगत उपकरण आदि पर लगने वाले ड्यूटी चार्जेज में छूट की मांग की है।
मतलब साफ है, ऐप्पल सीमा शुल्क में छूट की जगह 30 फीसदी स्थानीय घटकों में छूट प्राप्त करना चाहती है। भारत से भी यह अपेक्षित है कि वो सभी विदेशी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर कम से कम 30 फीसदी घटकों में छूट प्रदान करे, ताकि स्थानीय विर्निमाण को बढ़ावा मिल सके।
आप को बता दें कि ऐप्पल ने अपने एक मॉडल आईफोन एसई को बेंगलुरू में अपने ताइवानी पार्टनर विस्ट्रॉन कॉर्प के साथ मिलकर असेंबल करना शुरू कर दिया है। जब तक क्यूपर्टिनो को देश में विर्निमाण इकाई स्थापित करने में भारत सरकार से रियायतें नहीं मिल जाती तब तक बेंगलुरु में स्थापित विस्ट्रॉन के इस नए सेटअप प्लांट का ध्यान पूरी तरह से आइफोन एसई को असेंबल करने पर ही रहेगा।