भारत ने अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद रूस से एस-400 रक्षा प्रणाली का सौदा किया था। पाकिस्तान ने शुक्रवार को रक्षा प्रणाली के सौदे पर कहा कि भारत के एस 400 मिसाइल सिस्टम खरीदने से क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बनेगा और सेना में कटुता बढ़ेगी।
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि इस रक्षा प्रणाली को खरीदने का मकसद भारत को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस खरीदना था। उन्होंने कहा मिसाइल प्रणाली सेना का नेतृत्व करने से अधिक दक्षिण एशिया में अस्थिरता पैदा करेगी।
रूस के राष्ट्रपति व्लामदिर पुतिन सालाना शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ समरोह में रूसी राष्ट्रपति ने एस-400 रक्षा प्रणाली पर दस्तखत किए थे। इस रक्षा प्रणाली की लागत 5 बिलियन डॉलर है।
एस-400 रूस का आधुनिक 400 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली रक्षा प्रणाली है। एस-400 रुस की अत्याधुनिक रक्षा तकनीक है।
विदेश विभाग ने कहा कि साल 1998 में दोनों राष्ट्रों के मिसाइल परीक्षण से दक्षिणी क्षेत्र के हालातों में अस्थिरता आ गयी थी। उन्होंने कहा पाकिस्तान ने क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रस्ताव दिया था। दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में अस्थिरता के कारण बीएमडी हथियारों का विरोध किया था।
विदेश विभाग ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को ठुकराकर इस्लामाबाद को बीएमडी प्रणाली को विकसित करने के लिए उकसाया। उन्होंने कहा पाकिस्तान को हर खतरे से निपटने की अपनी काबिलियत पर यकीन है।
विदेश विभाग ने आगे बताया कि पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोबारा दोहराते हुए कहा कि वे अपनी राष्ट्र की सुरक्षा के खतरों के निवारण तय नीतियों के अनुरूप करेंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन को बनाये रखेगा।
हाल ही में भारत और रूस ने एस-400 रक्षा प्रणाली का सौदा किया। रूस पर अमेरिका ने कासटा कानून के तहत प्रतिबंध लगा रखे हैं। भारत के रूस से रक्षा प्रणाली खरीदने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि परिणाम जल्द ही पता चल जाएगा। भारत और रूस मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल का भी निर्माण कर रहे हैं।