प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट मॉडल को अब एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम के रूप में ब्लॉक स्तर तक ले जाया जाना चाहिए। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में एस्पिरेशनल ब्लॉक प्रोग्राम को लागू करें।
At the second National Conference of Chief Secretaries, PM @narendramodi underscored the success achieved across various #AspirationalDistricts.
He encouraged states to follow the model at the block level in the form of Aspirational Block Programme.
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— NITI Aayog (@NITIAayog) January 7, 2023
प्रधानमंत्री ने जून 2022 में पिछले सम्मेलन के बाद से देश में विकास कार्यों का जिक्र किया। जिसमें भारत को G20 की अध्यक्षता, दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने, नए स्टार्टअप का तेजी से पंजीकरण, अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों के प्रवेश जैसे विभिन्न उदाहरण के बारे में बातये।
उन्होंने कहा कि राज्यों को प्रो-डेवलपमेंट गवर्नेंस, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ईज ऑफ लिविंग और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रावधान पर ध्यान देना चाहिए।
एमएसएमई पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि राज्यों को एमएसएमई के औपचारिककरण की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए। इन एमएसएमई को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए हमें वित्त, प्रौद्योगिकी, बाजार और कौशल तक पहुंच उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने जीईएम पोर्टल पर और एमएसएमई लाने पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि राज्यों को अपने सर्वोत्तम स्थानीय उत्पादों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कद हासिल करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थित एकता मॉल का उदाहरण भी दिया।
उन्होंने पुराने कानूनों को समाप्त करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की, जिनमें से कुछ आजादी के बाद से कायम हैं। आज समय की आवश्यकता है कि स्व-प्रमाणन, डीम्ड अनुमोदन और प्रपत्रों के मानकीकरण की ओर बढ़ना है।
प्रधान मंत्री ने Mission LiFE (Lifestyle of Environment) और इसे आगे बढ़ाने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
यह कहते हुए कि भारत की पहल पर, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया है। उन्होंने कहा कि राज्यों को बाजरा उत्पादों से संबंधित अनुसंधान पर काम करना चाहिए जैसे प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन, ब्रांडिंग आदि और बाजरा उत्पादों के समग्र मूल्यवर्धन को बढ़ावा दिया जा सके।
राज्यों में जी-20 की बैठकों से संबंधित तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री ने आम नागरिकों को शामिल करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘सिटीजन कनेक्ट’ को प्राप्त करने के लिए रचनात्मक समाधानों की परिकल्पना की जानी चाहिए।