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    एसबीआई बैंक

    तकनीक और सुचना प्रसारण के इस युग में हम आजकल बैंकों में जाना ही भूल गए हैं। हम सभी बैंकिंग सेवाओं का आनंद घरबैठे मोबाइल से ही उठा सकते हैं।

    ऐसे में जिस गति से ऑनलाइन बैंकिंग बढ़ रही है, क्या यह उतना ही सुरक्षित भी है? रोजाना ढेरों ऐसे मामले सुनने को मिल जाते हैं, जहाँ लोगों से लाखों-करोड़ों रूपए ठगे जाते हैं।

    इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) नें कुछ ऐसे निर्देश जारी किये हैं, जो बैंक के ग्राहकों को फ्रॉड से बचने में मदद करेंगे।

    बैंक नें जो चार तरीके बताये हैं, वे निम्न हैं:

    1. फेक ई-मेल और वेबसाइट

    आपने अक्सर देखा होगा कि कई बार ऐसे ई-मेल हमें आते हैं, जो हमारी बैंक की जानकारी मांगते हैं। ये ई-मेल कहते हैं कि आपने एक आकर्षक इनाम जीता है और इसे आपके अकाउंट में डालने के लिए आपके अकाउंट की जानकारी देनी होगी।

    आपको ऐसे ई-मेल से सतर्क रहना होगा। इन ई-मेल को पढनें से ही लगता है कि ये नकली हैं।

    इनकी पहचान आप आसानी से कर सकते हैं। इन मेल में या तो बहुत सारी वेबसाइट का लिंक होगा, इसके अलावा कोई भी जानकारी सरल शब्दों में नहीं होगी।

    यदि आपको ऐसा कोई भी मेल मिलता है, तो आप एसबीआई बैंक की मेल [email protected] पर इसकी सुचना दे सकते हैं।

    2. ऑनलाइन विज्ञापन

    आपने अक्सर देखा होगा कि यदि आप कोई असुरक्षित वेबसाइट चला रहे होते हैं, तो बहुत से अन्य लिंक और विंडो मोबाइल या कंप्यूटर में खुल जाते हैं। कई बार तो ये आसानी से बंद भी नहीं होते हैं।

    आपको ऐसे विज्ञापनों से सतर्क रहना होगा। ये विज्ञापन आपकी निजी जानकारी चुराने में सक्षम होते हैं और कई बार आपको स्क्रीन पर जो भी होता है, वह इनको पता चल जाता है।

    इसलिए आप ध्यान रखें कि आप सुरक्षित वेबसाइट ही चलायें। सुरक्षित वेबसाइट पता करने का एक सरल तरीका यह है कि ऐसी वेबसाइट हमेशा ‘https’ से शुरू होती है।

    3. विशिंग

    विशिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जब आपको फेक कॉल या फेक ई-मेल आते हैं। ये लोग कॉल के जरिये आपसे बात करते हैं और किसी प्रकार आपकी बैंक की सुचना पाने की कोशिश करते हैं।

    ऐसे लोग या तो यह कहेंगे कि आपने कोई बिल नहीं भरा है और यदि आप ऑनलाइन भरना चाहते हैं तो अपने अकाउंट की जानकारी दें। या आपसे ऐसा कहा जाएगा कि आपने एक इनाम जीता है और राशि पाने के लिए अपनी जानकारी भेजें।

    इस प्रक्रिया में आपको सतर्क रहना हेयर और किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं करनी है।

    4. स्मिशिंग

    स्मिशिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें आपको मेसेज आता है और यह आपसे कोई फॉर्म भरने को कहता है। जब आप उस फॉर्म को खोलते हैं तो आपके सिस्टम में वायरस चला जाता है।

    यह फॉर्म आपकी निजी जानकारी मांगता है और आपसे कहता है कि यदि आपने पूरी जानकारी नहीं भरी तो आपको जुरमाना भरना पड़ेगा आदि।

    यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी प्रकार का कॉल या ई-मेल आता है, तो आप तुरंत बैंक को सुचना दें। आप  [email protected] पर सारी जानकारी दे सकते हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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