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एसबीआई जीरो-न्यूनतम बैलेंस अकाउंट

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भारत का सबसे बड़ा बैंक है। वर्तमान में देशभर में करीबन 42 करोड़ सेविंग बैंक अकाउंट एसबीआई बैंक में हैं।

इन अकाउंट में से लगभग 40% खाते यानी लगभग 16 करोड़ बैंक खाते जीरो-न्यूनतम बैलेंस श्रेणी में आते हैं, यानी इन्हें कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है।

जो बैंक खाते इस जीरो-न्यूनतम बैलेंस श्रेणी में आते हैं वे हैं, एसबीआई मूल सेविंग बैंक डिपाजिट, प्रधान मंत्री जन धन योजना और पेंशन और अन्य सम्बंधित खाते।

एसबीआई बैंक का कहना है कि अन्य बचत खाते पर भी मिनिमम बैलेंस ना रखने पर शुल्क लगता है, वह अन्य बैंकों के मुकाबले बहुत कम है।

एसबीआई मूल सेविंग बैंक खाते से सम्बंधित 10 जरूरी बातें:

  1. ये बैंक खाते एसबीआई की किसी भी शाखा में खोले जा सकते हैं। बैंक नें कहा है कि आप अपने वर्तमान सेविंग खाते को इस प्रकार के खाते में तब्दील करा सकते हैं, वो भी बिना कोई खर्चे के।
  2. बैंक के मुताबिक इस प्रकार के जीरो बैलेंस खाते ऐसे पिछड़े इलाकों के लोगों के लिए हैं, जो कम से कम बैलेंस होने पर भी वित्तीय सेवाओं का आनंद लेना चाहते हैं।
  3. इन खातों में ना तो कोई न्यूनतम डिपाजिट की लिमिट है और ना ही कोई अधिकतम डिपाजिट की लिमिट है।
  4. यह खाता कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है, बशर्ते उसके पास सभी केवाईसी कागजात हों।
  5. यदि आपके पास पहले से ही यह मूल खाता है, लेकिन काफी समय से बंद पड़ा है, फिर भी आप इसे बिना कोई खर्चे के वापस से शुरू करा सकते हैं।
  6. आपको इस मूल खाते पर भी उतना ही ब्याज मिलता है, जितना एक सामान्य सेविंग अकाउंट पर। वर्तमान में बैंक 1 करोड़ से कम जमा राशी पर 3.5 फीसदी का ब्याज देता है।
  7. इन खातों को खोलने पर आपको रुपे का एटीएम कार्ड मिलता है, जिसके लिए भी आपको कोई पैसे नहीं देने हैं।
  8. यदि आप अकाउंट बंद कराना चाहते हैं, तो वह भी बिलकुल मुफ्त प्रक्रिया है।
  9. आरबीआई के मुताबिक, आप एक बैंक में एक ही बचत खाता खोल सकते हैं। ऐसे में यदि आपके पास पहले से एसबीआई में कोई बचत खाता है, और आप जीरो बैलेंस वाला बचत खाता खोलना चाहते हैं, तो आपको अपना पहले वाला खाता बंद करना होगा।
  10. एसबीआई के मुताबिक इस जीरो बैलेंस खाते में आप महीने में सिर्फ 4 बार ही पैसे निकलवा सकते हैं।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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