एसबीआई ने एनबीएफ़सी (नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनियां) के द्वारा बकाया चुकाए जाने के संबंध में एनबीएफ़सी को प्रस्ताव दिया है कि वो उनसे से 45,000 करोड़ रुपये संपत्ति खरीद सकती है। एसबीआई का यह बयान तब आया है जब पूरा एनबीएफ़सी सेक्टर कर्ज़ में डूबा हुआ है।
हाल ही में में IL&FS की घटना के बाद इस समय एनबीएफ़सी सेक्टर अपने सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है।
इसके पहले एसबीआई एनबीएफ़सी सेक्टर से करीब 15,000 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति खरीदने का विचार बना रही थी, जिसके बाद एसबीआई ने इस प्रस्ताव में अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये को जोड़ दिया है। इस तरह अब एसबीआई एनबीएफ़सी से 45,000 करोड़ की संपत्ति खरीद सकती है।
एसबीआई के अनुसार इस डील के बाद एनबीएफ़सी कंपनियों का लोन पोर्टफोलियो और भी मजबूत हो जाएगा। एसबीआई ने कहा है कि हम इस मदद के लिए 20,000 से 30,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश भी कर सकते हैं।
एसबीआई के अनुसार सभी एनबीएफ़सी के लिए ये एक सुनहरा अवसर है, इसके चलते उन्हे ना सिर्फ लोन चुकाने में मदद मिलेगी, बल्कि उनका लोन पोर्टफोलियो भी मजबूत हो जाएगा, जिसके तहत वे बैंको से आसानी से लोन पा सकेंगे।
एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया है कि ‘जैसा कि अफवाहें उड़ रहीं है कि एसबीआई इस कदम के साथ ही एनबीएफ़सी सेक्टर की ऋण लेने की क्षमता को खत्म करना चाहती है, ऐसा कुछ भी नहीं है। सभी को ये पता है कि इस त्योहारों के सीजन पर एनबीएफ़सी सेक्टर कहीं से भी फ़ंड इकट्ठा नहीं कर पा रहा है, ऐसे में एसबीआई ने सिर्फ मदद का हाथ बढ़ाया है।’
वहीं दूसरी ओर सोमवार को नेशनल हाउसिंग बैंक ने एचएफ़सी पर फ़ंड संकट को देखते हुए 6,000 करोड़ रुपये के पुनर्वित्त की सुविधा को जारी कर दिया है।