भारत और चीन के मध्य 73 दिनों तक जारी संघर्ष के बाद सशस्त्र सीमा बल ने इंडो-भूटान सीमा के इर्द गिर्द 15 चौकियों का निर्माण किया है। भारत ने चीन के साथ विवाद के बाद भूटान सीमा पर सैन्य बल में वृद्धि की है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर 15 चौकियों का निर्माण किया है, जबकि सिक्किम सीमा पर तीन चौकियों का निर्माण किया है।
एसएसबी सीमा सुरक्षा के लिए मुस्तैद बल होता है और भूटान की सरहद पर प्रमुख ख़ुफ़िया एजेंसी भी होती है। एसएसबी के डायरेक्टर जनरल सुरजीत सिंह देसवाल में कहा कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम पर एसएसबी ने क्रमशः 15 और तीन चौकियों का निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि वह भूटान के सीमा इलाकों पर बेहतर सुरक्षा और गश्त करेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिक्किम में तैनात तीन चौकियां भटन बॉर्डर से सटी हुई है।
एसएसबी का 55 वें रेसिंग डे के मौके पर सभा को संबोधित करते हुए देसवाल ने कहा कि उनकी सेना का भारत-चीन विवाद से कोई ताल्लुक नहीं है और डोकलाम विवाद को उनके सहयोगी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 72 चौकियों को इस वर्ष संचालन के लिए इस्तेमाल में लाया गया है।
अभी एसएसबी की 53 बटालियनस को 699 किलोमीटर इंडो-भूटान और इंडो-नेपाल सीमा पर तैनात किया गया है। एसएसबी दोनों देशों से सटी 708 चौकियों के नेटवर्क को नियंत्रित करते हैं। भारत-भूटान सीमा पर अभी 176 चौकियों का संचालन किया जा रहा है, जो सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम में हैं, जबकि इंडो-नेपाल सीमा पर 533 चकियाँ है, जो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल,बिहार और सिक्किम से संचालित की जाती है। डायरेक्टर जनरल ने कहा कि 1800 एसएसबी के सैनिकों को ख़ुफ़िया विभाग स्थानान्तरण करने का कार्य जारी है और यह कार्य अगले माह तक समाप्त हो जायेगा।
चीन की सेना ने भूटानी सरजमीं पर अवैध तरीके से सड़क के निर्माण करने का प्रयास किया था। चीनी सेना की इस हरकत का पहले विरोध भूटान की सेना ने किया था, लेकिन चीनी सैनिकों ने भूटानी सैनिकों पर नियंत्रण कर लिया था। इसके बाद भारत को इस मसले में कूदना पड़ा था। इस संघर्ष का अंत नरेद्र मोदी के चीनी दौरे के बाद हुआ था।