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    अमित पंघाल

    अमित पंघल (52 किग्रा) ने 2018 एशियाई खेलों के 49 किग्रा फाइनल को रिपीट करते हुए सोमवार को मौजूदा ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हसनबाय दुस्मातोव को हरा दिया जबकि कविंदर सिंह बिष्ट (56 किग्रा) ने 2017 के विश्व चैम्पियन कैरात येरालीयेव को बाहर कर दिया।

    इस तरह इन दोनों की शानदार सफरता के दम पर भारत ने बैंकॉक में जारी एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चार पदक पक्के कर लिए हैं।

    जब से इस टूर्नामेंट का ड्रॉ निकला है सबकी नजर पंघल और दुस्मातोव के बीच होने वाले मुकाबले पर थी। दुस्मातोव एशियाई चैम्पियनशिप में दो बार स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और एक बार विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता है। रोहतक के मुक्केबाज पहली बार 52 किग्रा वर्ग में कोई महाद्वीपीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। इससे हालांकि परिणाम नहीं बदला और पंघल ने दुस्मातोव को हराते हुए एक बार फिर खुद को श्रेष्ठ साबित किया।

    इन दोनों के बीच यह अब तक की चौथी भिड़ंत थी। स्ट्रांजा कप स्वर्ण पदक विजेता पंघल ने इनमें से लगातार दो में जीत हासिल कर ली है। पंघल ने सोमवार को दुस्मातोव को 4-1 से हराया और 2017 के बाद इस प्रतियोगिता में दूसरा पदक जीतने के उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। दुस्मातोव ने 2017 में कांस्य पदक जीता था। यह इत्तेफाक की बात है कि दो साल पहले इस प्रतियोगता में दुस्मातोव ने ही पंघल का सफर समाप्त किया था।

    मैच के बाद अमित ने कहा, “मैंने अपने कोचों के साथ अब तक जो भी रणनीति बनाई है, वह आज काम आई। मैं खुश हूं और इस जीत ने मेरा मनोबल ऊंचा किया है और इसके दम पर मैं स्वर्ण जीतने का प्रयास करूंगा। मैं अगले मुकाबले के लिए सटीक रणनीति पर काम करूंगा और घर कम से कम स्वर्ण लेकर लौटने का प्रयास करूंगा।”

    कविंदर सिंह बिष्ट (56 किग्रा) सोमवार के दूसरे स्टार रहे। कविंदर ने सुबह के सत्र में 2017 में विश्व चैम्पियन रहे कजाकिस्तान के कैरात येरालीयेव को 3-2 से हराते हुए आगे का सफर तय किया और अपने लिए कम से कम एक पदक सुरक्षित कर लिया।

    महिला वर्ग में तेजी से उभर रहीं हरियाणा की सोनिया चहल ने अपने शानदार मूव्स के दम पर कोरिया की जो सोन ह्वा को 3-2 से हराते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया। यह ह्वा पर सोनिया की लगातार दूसरी जीत है। ह्वा को उन्होंनेबीते साल विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी हराया था।

    घर में 2018 में रजत पदक जीतने के बाद सोनिया की नजर अब इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक पर है।

    मकरान स्वर्ण पदक विजेता और राष्ट्रीय चैम्पियन दीपक (49 किग्रा) को हालांकि रिंग में उतरने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि अफगानिस्तान के रामिश रहमानी ने उन्हें चोट के कारण वॉकओवर दे दिया। इस तरह दीपक सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहे और साथ ही उन्होंने इस टूर्नामेंट में अपना पहला पदक पक्का किया।

    2018 विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता लवलीना बोर्गोहेन (69 किग्रा) को हालांकि मौजूदा विश्व चैम्पियन चेन नेन चिन के हाथों 0-5 से हार मिली। बीते साल विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी लवलीना को इस ताइवानी मुक्केबाज के हाथों हार मिली थी।

    सीमा पूनिया (81 किग्रा) को भी हार का सामना करना पड़ा। सीमा को तीन बार की विश्व चैम्पियन चीन की जियाओली यांग ने 0-5 से हराया। इसके अलावा रोहित टोकस (64 किग्रा) भी बाहर हो गए हैं। रोहित को मंगोलिया के चिनजोरिंग बातारसुक ने 3-2 से हराया।

    शिवा, सरिता मंगलवार को एक्शन में दिखेंगे

    मंगलवार को एशियाई चैम्पियनशिप में तीन पदक जीत चुके शिवा थापा (60 किग्रा) को क्वार्टर फाइनल मैच खेलना है। इसके अलावा आशीष कुमार (75 किग्रा), आशीष (69 किग्रा) औ्र सतीश कुमार (प्लस 91 किग्रा) भी पदक की दौड़ में बने रहना चाहेंगे।

    राष्ट्रमंडल खेल कांस्य पदक विजेता नमन तंवर (91 किग्रा) मंगलवार को अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।

    महिला वर्ग में दिग्गद सरिता देवी (60 किग्रा) छठे एशियाई चैम्पियनशिप पदक के लिए प्रयास करती दिखेंगी जबकि पूर्व जूनियर वर्ल्ड चैम्पियन निखत जरीन (51 किग्रा) अपनी चुनौती पेश करेंगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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