भारत की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु और साइना नेहवाल के लिए एक बड़ी राहत की खबर है उनको सबसे ज्यादा संघर्ष करवाने वाली प्रतिद्वंद्वी ताई त्जू यिंग अगल हफ्ते से शुरु होने वाली एशियन चैंपियनशिप में भाग नही ले रही है।
विश्व नंबर एक खिलाड़ी और पिछले दो सालो की गत चैंपियंस रह चुकी ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है और अब भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी के लिए प्रतिस्पर्धा आसान हो सकती है।
ताई त्जू यिंग की अनुपस्थिती में, आल इंग्लैंड की चैंपियन चीन की चेन यूफई को शीर्ष वरीयता मिली है, वही दूसरी वरीयता जापान की पूर्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को दी गई है।
1962 में एशियन चैंपियनशिप की शुरुआत से ही भारत को कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी इस खिताब को अपने नाम नही कर पाया है।
चौथी वरीयता पीवी सिंधु पहले राउंड में जापान की सयाका ताकाहाशी से भिड़ेंगी। सिंधु पहला मुकावला बिना पसीना बहाए जीक सकती है। उसके बाद टॉप आठ खिलाड़ियो की लड़ाई में सिंधु या तो कोरिया की जी ह्यून संग या चीन की कै यानयान से भिड़ंगी। इससे पहले सिंधु जी ह्यून के खिलाफ संघर्ष करते आई है।
साइना को अपने पहले ड्रॉ में चीन की हैन यू से भिड़ना है। भारत की स्टार खिलाड़ी को पिछले साल सैयद मोदी चैंपियनशिप में चीन की इस खिलाड़ी से हार का सामना करना पड़ा था। अगर वह पहले दो राउंड जीत लेती है, तो साइना को क्वार्टरफाइनल में जापान की अकाने यामागुची से भिड़ना होगा। सीजन के पहले टूर्नामेंट में साइना ने छोटे स्तर के टूर्नामेंट इंडोनेशिया मास्टर्स के खिताब को अपने नाम किया था। बाकि के सभी खिलाड़ियो को अब तक इस सीजन में संघर्ष करना पड़ा है।
एशियन चैंपियनशिप भारत के खिलाड़ियो के लिए खिताब के सूखे को खत्म करने के लिए एक सही मौका है।
पुरुष एकल मैच में, किदांबी श्रीकांत आसानी से क्वार्टरफाइनल में जगह बना पाएंगे और वह क्वार्टरफाइनल मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन चैन लोंग का सामना करेंगे।
दूसरे पुरुष एकल मैच में समीर वर्मो को एक मुश्किल चुनौती हाथ लगी है और उन्हे पहले राउंड में जापान के काजुमासा सकई से भिड़ना है। अगर वह सकाई को मात दे देते है तो उन्हे दोबारा मुश्किल चुनौती में इंडोनेशिया के सिनिसुका जिनटिंग से भिड़ना होगा।
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