Tue. Nov 5th, 2024
    gas cylinders

    भारतीय तेल निगम ने बताया की सोमवार को सिलिंडर के दामों में गिरावट आई। जहां सब्सिडी युक्त सिलिंडर के दाम 5.91 रूपए कम हो गए वहीँ बिना सब्सिडी वाले सिलिंडरों में पूरे 120.50 रुपयों की गिरावट हुई।

    क्या हैं नए दाम :

    सोमवार को सिलिंडर के दामों में गिरावट की वजह से वे सस्ते हो गए हैं। अब उनका वर्तमान मूल्य निम्न है। राष्ट्रीय राजधानी में आज मध्यरात्रि से 14.2 किलोग्राम के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 494.99 रुपये होगी, जबकि इसकी कल 500.90 रुपये कीमत थी।

    भारतीय तेल निगम ने कहा कि गैर-सब्सिडी वाले या बाजार मूल्य पर एलपीजी दरों में 120.50 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की गई है “अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत में गिरावट और अमेरिकी डॉलर-रुपये की विनिमय दर को मजबूत करने के कारण से हुई है।”

    दिल्ली में अब बिना सब्सिडी वाले सिलिंडरों की कीमत 689 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम होगी।

    क्यों हुए हैं दाम कम ?

    भारतीय तेल निगम ने बताया की सिलिंडर के दाम कम होने का मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत में गिरावट और अमेरिकी डॉलर-रुपये की विनिमय दर को मजबूत होना है। जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में एलपीजी के दाम कम हुए तो राष्ट्रीय बाज़ार में भी दामों कें कटौती की गयी।

     कितनी मिलेगी सब्सिडी :

    दामों में कटौती होने के बाद अब यदि ग्राहक सब्सिडी वाला गैस सिलिंडर खरीदेंगे तो उपभोक्ताओं को जनवरी महीने के लिए उनके बैंक खातों में 194.01 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी मिलेगी। नवंबर में ग्राहक के बैंक खाते में सब्सिडी  433.66 रुपये थी और दिसंबर में 308.60 रुपये ग्राहकों के बैंक खताओं में भेजी गयी थी।

    कैसे होता है सब्सिडी की मात्रा का निर्णय :

    एक वर्ष में प्रत्येक घर में 14.2 किग्रा के 12 सिलेंडरों को सब्सिडी दी जाती है, जो सीधे उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों में जाकर जमा होती है।

    यह सब्सिडी राशि महीने-दर-महीने बदलती रहती है जो औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क एलपीजी दर और विदेशी विनिमय दर में बदलाव के आधार पर बदलती है। जब अंतर्राष्ट्रीय दरें बढ़ जाती हैं, तो सरकार एक उच्च सब्सिडी प्रदान करती है। और जब वे नीचे आते हैं, तो सब्सिडी भी काम कर दी जाती है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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