यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियनस्पेस ने दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक उनकी कक्षाओं में शुक्रवार तड़के स्थापित कर दिया। इन दो उपग्रहों में एक भारत का संचार उपग्रह जीसैट-30 और यूटेलसैट कोनेक्ट शामिल हैं। दोनों उपग्रह एरियन 5 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजे गए। एरियन 5 रॉकेट फ्रेंच गुयाना स्थित अंतरिक्ष केंद्र से अंतरिक्ष के लिए प्रस्थान किया।
3,357 किलोग्राम वजनी जीसट का निमार्ण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है।
यह गौर करने वाली बात है कि भारत के पास चार टन वजनी क्षमता का रॉकेट, जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्स व्हिकल एमके-3 (जीएसएलवी-एमके3) है, फिर भी लगभग 3.3 टन वजनी जीसैट-30 को अंतरिक्ष में भेजने के लिए भारत ने एरियनस्पेस की मदद ली है।
यह संचार उपग्रह इनसैट 4ए सैटेलाइट द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सुनिश्चित करते हुए टेलीविजन, दूरसंचार और प्रसारण सेवाओं को बेहतर बनाएगा।
इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक पी. कुन्हीकृष्णन ने एक बयान में कहा, “एरियन 5 का उपयोग कर साल 2020 की एक शानदार शुरुआत एक शानदार लॉन्च के साथ हुई। एरियन 5 एक बेहद भरोसेमंद लॉन्चर है।”
उन्होंने आगे कहा, “इसरो के अध्यक्ष की ओर से मैं एरियनस्पेस को उनके बेहतरीन और पेशेवर काम के लिए धन्यवाद देता हूं।”
इस बीच इसरो के अध्यक्ष के.सिवन ने एक बयान में कहा, “जीसैट-30 कई फ्रिक्वेंसी में काम करने में सक्षम है और साथ ही इसके सफल प्रक्षेपण से कवरेज में वृद्धि होगी। यह संचार उपग्रह कू-बैंड से भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों में संचार सुविधाएं प्रदान करेगा और सी-बैंड की मदद से बड़ी संख्या में एशियाई देशों, खाड़ी देशों और ऑस्ट्रेलिया में बेहतर कवरेज प्रदान किया जाएगा।”
उन्होंने आगे यह भी कहा, “जीसैट-30 डीटीएच टेलीविजन सेवाएं, एटीएम सेवाएं, स्टॉक एक्सचेंज, टेलीविजन अपलिंकिंग और टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटेलाइट खबर संग्रहण और ई-गवर्नेस एप्लीकेशंस की सेवाएं प्रदान करेगा। इसका उपयोग उभरते दूरसंचार अनुप्रयोगों के लिए थोक में डेटा हस्तांतरण के लिए भी किया जाएगा।”
एरियनस्पेस ने कहा कि जीसैट-30 भारत का ऐसा 24वां उपग्रह है, जिसे एरियनस्पेस के एरियन लॉन्चर से प्रक्षेपित किया गया है। इससे पहले एरियन 1 वर्जन द्वारा साल 1981 में भारत के एक छोटे प्रयोगात्मक उपग्रह एप्पल को लॉन्च किया गया था।