भारत द्वारा पाकिस्तान पर की गयी जवाबी कार्रवाई के बाद मुल्क में खलबली मची हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आनन-फानन में एनसीए की बैठक बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक यह बैठक काफी महत्वपूर्ण होगी और इसमें भारत की कार्रवाई के खिलाफ को बड़ा कदम उठाने के बाबत निर्णय लिया जा सकता है।
इससे पूर्व प्रधानम्नत्री इमरान खान के नेतृत्व में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की बैठक भी हुई थी। इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और और वित्त मंत्री भी शामिल हुए थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान की सम्प्रभुता का उल्लंघन किया है।
एनसीए की बैठके दुर्लभ ही बुलाई जाती है। यह तब ही बुलाई जाती है जब सीमा घुसपैठ का मामला हो या सुरक्षा मसला हो। पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य मंच एनसीए है। यह मंच सुरक्षा नीति से सम्बंधित निर्णय लेता है। परमाणु मिसाइल या कार्यक्रम का संचालन भी यही करता है।
एनसीए के तहत निति निर्माण, सैन्य अभ्यास, तैनाती, अनुसन्धान व विकास और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का संचालन और नियंत्रण सम्बन्धी निर्णय भी यही करते हैं। राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व दोनों ही इसका भाग होते हैं। पाकिस्तान में साल 2000 में एनसीए का गठन किया गया था।
भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के क्षेत्रों में 1,000 किलोग्राम बम गिराए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, IAF ने ऑपरेशन में 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया, जिन्होंने सुबह करीब 3:30 बजे बालाकोट, मुजफ्फराबाद, चकोठी जैसे इलाकों पर बमबारी की। इस हमले ने LOC के पार तीन अल्फा कंट्रोल रूम और कई आतंकवादी लॉचपैड्स को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
यह हवाई हमला उस आतंकी हमले के 11 दिन बाद आया, जब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आत्मघाती हमले में एक बिस्फोट से भरी गाड़ी हमारे सीआरपीएफ जवानों की बस में जा मार दी। उस हमले में 40 से ज्यादा जवानों की हत्या हो गयी थी।