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    ब्रॉडबैंड

    टेलिकॉम अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया द्वारा हाल ही में प्रदान किए गए डाटा के अनुसार सुनील मित्तल की भारती एयरटेल ने जनवरी माह में रिलायंस जिओ से ज्यादा संख्या में ब्रॉडबैंड यूजर्स जोड़े हैं। बतादें की जिओ की टेलिकॉम बाज़ार में प्रवेश करने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है की किसी दुसरे प्रदाता ने जिओ से ज्यादा यूजर्स जोड़े हैं।

    ग्राहकों का डाटा :

    TRAI द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जनवरी माह में भारती एयरटेल ने अपने ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या में कुल 1 करोड़ नए मोबाइल ब्रॉडबैंड यूजर्स जोड़े। वहीँ रिलायंस जिओ इस माह अपनी कुल ग्राहकों के आधार में केवल 93.2 लाख यूजर्स ही जोड़ पाया जोकि एयरटेल से कम है और यह एयरटेल के लिए एक उपलब्धि है।

    हालांकि कुल ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या के मामले में जिओ से एयरटेल पिछले है जहां एयरटेल के कुल 280 मिलियन ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं वहीँ जिओ के कुल 289 मिलियन ब्रॉडबैंड यूजर्स हैं।

    वोडाफोन ने खोये लाखों ग्राहक :

    हालंकि जिओ के ग्राहकों की संख्या मिएँ लगातार बढ़ोतरी हो रही है, इसके साथ एयरटेल ने भी अब सुधार अकर्ण शुरू कर दिया है। जहां एयरटेल अपने ग्राहक खोने में लगा था, जनवरी माह में इसने टेलिकॉम ग्राहक की संख्या में इजाफा देखा। लेकिन वोडाफोन के ग्राहकों की संख्या अभी भी कम होती जा रही है।

    यह मुख्यतः इसकी न्यूनतम स्कीम के कारण हो रहा है और विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं की अब वोडाफोन ने पूँजी जुताई है जिससे यह प्रीपेड बाज़ार में बड़ा निवेश करेगा और अपने ग्राहक बढाने की पूरी कोशिश करेगा जिससे इसके हालातों में सुधार आने की पूरी संभावना है।

    ARPU में करना होगा वोडाफोन को सुधार :

    फाइनेंसियल एक्सप्रेस के मुताबिक मोतीलाल ओसवाल द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट के अनुसार हालांकि वोडाफोन हाल ही में बटोरी गयी पूँजी से अपने घाटे की आपूर्ति कर लेगा लेकिन फिर भी यह बाज़ार में जिओ से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पायेगा। अपने आप को बाज़ार में स्थिर करने के लिए और वृद्धि करने के लिए वोडाफोन को अपना ARPU अर्थात औसत आय प्रति ग्राहक बढाने की सख्त ज़रुरत हैं अन्यथा यह घाटे में ही चलता रहेगा।

    इसका एक और कारण यह है की जहां वोडाफोन अपने ग्राहक खोता जा रहा है, वहीँ जिओ के ग्राहक लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में इतने अंतर को भरने में बहुत सारा समय और निवेश लगेगा जिसके चलते हाल ही में 25000 करोड़ की पूँजी भी कम पड़ने की आशंका है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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