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    प्रिया ने कहा, सच ही उनका बचाव करेगा

    दिल्ली हाई-कोर्ट ने सोमवार को एम.जे.अकबर मानहानि केस में जर्नलिस्ट प्रिया रमाणी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने प्रिया को 10 हजार रूपए मूल्य के बेल बोंड पर रिहा कर दिया है। हालांकि उनके केस की अगली सुनवाई 8 मार्च को रखी गई है।

    एएनआई से बात करते हुए प्रिया ने कहा कि,” 10 अप्रैल को वे मेरे खिलाफ आरोप तय करेंगे। उसके बाद मुझे अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। सच ही है जो मेरा बचाव करेगा।”

    प्रिया रमाणी उन 20 जर्नलिस्टों में से है जिन्होंने अकबर पर #मीटू अभियान के दौरान यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इससे पहले गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजु भारती व शुतापा पॉल ने साल 1990 में अकबर पर आरोप लगाए थे।

    रमाणी के आरोपों पर अकबर ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन चीफ मेजिस्ट्रेट विशाल समर ने पत्रकार को समन भेजा था।

    रमाणी ने अकबर पर 20 साल पहले यौन उत्पीड़न करने का केस किया था। लेकिन एम.जे.अकबर ने इन तमाम आरोपों से इंकार किया है।

    प्रिया रमाणी के आरोप के बाद “एम.जे.अकबर ने 17 अक्टूबर को यूनियन मंत्री के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि वे इस आरोप का जवाब कानून तरीके से देंगे।”

    अकबर के कानूनी सलाहकारों में शामिल वकील गीत लूथरा व संदीप कपूर का कहना है कि, रमाणी ने अकबर पर झूठे आरोप लगाए हैं। सारे आरोप गलल व आधारहीन हैं और इनके काऱण पूर्व मंत्री का छवि को नुकसान भी हुआ है।

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