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    हिन्दुस्तानी क्रिकेट में एक शख्स लगातार चर्चा में रहा है और वो हैं पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। इसी साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ वह आखिरी बार मैदान पर दिखे थे। तब से वह आराम के नाम से बाहर हैं।

    धोनी की विश्व कप में धीमी बल्लेबाजी ने तो उनके करियर पर वो सवाल खड़ा कर दिया है जिसका जवाब अब हर कोई जानना चाहता है। धोनी संन्यास कब लेंगे? वह टीम में वापसी करेंगे या नहीं? वह अगले साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप में खेलेंगे या नहीं?

    कई लोग धोनी के पीछे खड़े आए हैं तो कई उनके खिलाफ। मौजूदा मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने तो यहां तक कह दिया था कि चयन समिति अब धोनी से आगे के बारे में सोच रही है। प्रसाद के इस बयान ने यह लगभग साफ कर दिया था कि धोनी की टीम में वापसी नहीं होगी और चयन समिति अब नए चेहरों पर ध्यान दे रही है।

    लेकिन हाल ही में टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने आईएएनएस को जो इंटरव्यू दिया है उसमें साफ है कि धोनी के लिए रास्ते अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुए हैं। शास्त्री ने साफ कहा है, “धोनी को लेकर कयास नहीं लगाएं बल्कि आईपीएल तक का इंतजार करें।”

    मुख्य कोच का यह बयान साफ बतता है कि धोनी विश्व कप के लिए उड़ान भर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ चीजें साबित करनी होगी और उनके चयन के साथ-साथ बाकी युवा विकेटकीपरों का विकेट के आगे और पीछे का प्रदर्शन भी देखा जाएगा।

    शास्त्री ने आईएएनएस कहा था, “यह निर्भर करता है कि वह (धोनी) कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं। वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है। आईपीएल बड़ा टूर्नामेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे।”

    उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि आईपीएल के बाद आपकी टीम लगभग तय हो जाएगी। साथ ही मैं यह कहना चाहता हूं कि कौन कहां है इस बारे में कयास लगाने के बजाए आईपीएल तक का इंतजार करें। इसके बाद ही आप फैसला करने की स्थिति में होंगे कि देश में सर्वश्रेष्ठ 17 कौन हैं।”

    शास्त्री का यह बयान काफी कुछ बयां करता है और इसके अलावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष सौरभ गांगुली भी लगातार पीछे के दरवाजे से धोनी के साथ ही खड़े दिखे हैं। गांगुली कई बार कह चुके हैं कि वह धोनी से बात करेंगे तभी कुछ कह सकेंगे। गांगुली ने अभी तक हालांकि धोनी से बात नहीं की है, लेकिन उनके बयान धोनी के साथ खड़े होने वाले हैं।

    यहां प्रसाद अकेले पड़े हुए हैं क्योंकि एक वही हैं जो धोनी से ‘आगे बढ़ने’ की बात कह रहे हैं बाकी कोई साफ तौर पर प्रसाद के साथ खड़ा नहीं आ रहा है खासतौर पर बोर्ड और टीम प्रबंधन में।

    इसकी एक और वजह हो सकती है। धोनी की गैरमौजूदगी में भारत ने युवा ऋषभ पंत को मौके दिए। वह विश्व कप में भी खेले और तब से लगातार टीम का हिस्सा हैं। प्रसाद ने कहा था कि चयन समिति पंत के साथ खड़ी है, लेकिन पंत का लापरवाह रवैया उनके आड़े आ रहा है। बल्लेबाजी में कई बार पंत अहम समय पर बच्चों वाले शॉट खेल अपने विकेट गंवा चुके हैं। हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी इसकी बानगी देखने को मिली।

    धोनी के विकल्प के तौर पर पंत सबसे आगे हैं, लेकिन उनकी विफलता ने उन पर संदेह का घेरा लगा दिया है। ऐसे में टीम प्रबंधन जानता है कि धोनी का विकल्प अभी उनके पास नहीं है इसलिए धोनी के साथ जाना उनके लिए फायदेमंद है। धोनी भारत को टी-20 विश्व कप दिला चुके हैं। आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की सफलता किसी से छुपी नहीं और धोनी उसके कप्तान हैं।

    विकेट के पीछे धोनी का फुर्तीला अंदाज बल्लेबाजों की कब्रगाह साबित होता आया है। धोनी के हाथ में बल्ला होना जीत की संभावनाओं को बढ़ा देता है। विश्व कप का सेमीफाइनल इस बात का उदाहारण है। इन सभी मामले में धोनी के आस-पास तक पंत तो छोड़िए और कोई दूर-दूर तक नहीं है।

    टीम प्रबंधन क्यों धोनी के साथ अभी तक है इसका एक और उदाहरण है। बीसीसीआई के सूत्रों ने 22 जुलाई को आईएएनएस को बताया था कि कि टीम प्रबंधन ने धोनी से संन्यास न लेने को कहा है। टीम प्रबंधन का मानना है कि धोनी अगर संन्यास ले लेते हैं और पंत चोटिल हो जाते हैं तो फिर विश्व कप के लिहाज से एक खालीपन आ जाएगा, जिसे भर पाना मुश्किल हो जाएगा।

    सूत्रों ने आईएएनएस से कहा था, “जब टीम प्रबंधन टी-20 विश्व कप को ध्यान में रखकर पंत को बेहतर बना रहे हैं तो वे चाहते हैं कि धोनी एक मेंटर के रूप में रहें और जब भी टीम को उनकी जरूरत पड़े तो वह मौजूद रहें।”

    सूत्र ने कहा, “आप देखें और बताएं कि अगर पंत चोटिल होते हैं तो कौन है जो उनका विकल्प होगा। सच कहूं तो दूसरी तरफ हमारे पास जितने भी नाम हैं, उनमें से कोई भी धोनी का मुकाबला करने के लायक नहीं है। हां, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि पंत टीम का भविष्य हैं और उन्हें सभी प्रारूपों में आजमाया जाए। लेकिन धोनी का मार्गदर्शन और मौजूदगी भी बहुत जरूरी है।”

    पंत का प्रदर्शन अभी तक हालांकि सुधरा नहीं है। वह विकेट के पीछे और आगे अभी भी स्कूल के बच्चों जैसी गलतियां करते रहे हैं।

    ऐसे में यह माना जाना कि धोनी के लिए टीम के दरवाजे बंद हो गए हैं, जायज नहीं लगता है। शास्त्री ने इसी ओर इशारा किया है।

    अब आने वाला आईपीएल काफी अहम हो गया है। यही तय करेगा कि धोनी आस्ट्रेलिया में होंगे या नहीं। दरवाजे खुले हैं बस धोनी को अपना काम करना है।

    शास्त्री ने साथ ही कहा है कि वह दूसरे विकेटकीपर-बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी देखेंगे, लेकिन अगर सही मायनों में देखा जाए तो पंत के अलावा टीम ने अभी तक किसी और युवा को मौका नहीं दिया है। संजू सैमसन को लंबे अरसे बाद बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में चुना गया था लेकिन वह एक भी मैच नहीं खेले थे और इन सभी युवाओं के लिए धोनी का मुकाबला करना लगभग नामुमकिन सा है।

    इसलिए इंतजार करिए आईपीएल का और उसके बाद टीम के चयन का। शायद धोनी टी-20 विश्व कप में कोहली को सलाह देते हुए नजर आएं।

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