मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दो अनुबंधक प्राध्यापकों की कथित कार्यशैली को लेकर उपजे विवाद के चलते 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है। वहीं प्राध्यापकों पर लगे आरोपों की जांच जारी है। विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्रवाई का नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विरोध किया है।
एमसीयू के दो अनुबंधक प्राध्यापकों -दिलीप मंडल व मुकेश कुमार- पर जातिवाद भड़काने के आरोप हैं। मंडल पर आरोप है कि वे अपने ट्विटर हैंडल से जातिवाद भड़काने की कोशिश करते हैं और एक जाति विशेष पर टिप्पणी करते हैं। वहीं मुकेश कुमार पर भी जातिवाद का सहारा लेने का आरोप है। इन दोनों प्राध्यापकों के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन किया है।
पिछले दिनों विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा करने और रात तक भवन की पांचवीं मंजिल पर कब्जा किए रहने के आरोप में 23 छात्रों को विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर निष्कासित कर दिया।
प्रभारी कुलसचिव दीपेंद्र बघेल ने बताया कि “विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा करने वाले 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया है, इन छात्रों को अभी अपील करने का अधिकार है। वहीं जिन प्राध्यापकों पर लगे आरोपों की जांच चल रही है। छात्रों ने शिकायती आवेदन तो दिया है, मगर कोई प्रमाण नहीं दिया है। 15 दिन में जांच पूरी हो जाएगी।”
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्कासन की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों पर कार्रवाई निंदनीय और दमनकारी है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की पढ़ाई करने वाले इन बच्चों पर की गई कार्रवाई तानाशाही पूर्ण है। क्या कमलनाथ सरकार के एक साल का यही तोहफा है? विश्वविद्यालय प्रशासन तत्काल इन बच्चों का निष्कासन समाप्त करे।”
इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है।
उन्होंने कहा, “माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों का निष्कासन और उन पर हुई एफआईआर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बच्चों का निष्कासन तुरंत रद्द कर उन पर लादे गए झूठे मुकदमे वापस किए जाएं और उनकी जायज बातों को सुना जाए। मैं बच्चों के साथ हूं और उनके साथ उनकी लड़ाई लड़ेंगे।”
ज्ञात हो कि, दो प्राध्यापकों पर जातिवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने विश्वविद्यालय के भीतर पिछले दिनों प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया था। इन छात्रों को खदेड़ने के लिए पुलिस बुलाई गई थी। छात्रों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। इन छात्रों के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और करणी सेना के कार्यकर्ता भी आए।