मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और आपात स्थिति में गुम होने वाले बच्चों की बरामदगी सुनिश्चित की जा सकेगी, क्योंकि राज्य में जल्दी ही मध्यप्रदेश इमरजेंसी रेस्पांस अलर्ट सिस्टम (एमपीईआर) विकसित किया जा रहा है। यह अलर्ट सिस्टम अमेरिका के अम्बर अलर्ट सिस्टम जैसा होगा।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में गुम बच्चों को खोजने में एमपीईआर अलर्ट सिस्टम मददगार होगा। यह सिस्टम किस तरह काम करेगा, इसका बीएसएनएल और मैप आईटी द्वारा सूचना के शीघ्र सम्प्रेषण के लिए तैयार किए जा रहे इस अलर्ट सिस्टम का प्रजेंटेशन राज्य के जनसंपर्क और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री पी. सी. शर्मा ने देखा।
मैप आईटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर फ्रैंक नोबल ने बताया, “बीएसएनएल के सहयोग से उन्नत तकनीक अपनाते हुए अमेरिका के अम्बर अलर्ट सिस्टम के अनुरूप एमपीईआर अलर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है।”
अन्य अधिकारियों ने प्रस्तावित अलर्ट सिस्टम के विभिन्न फीचर्स की जानकारी देते हुए बताया कि प्रस्तावित अलर्ट सिस्टम में गृह विभाग (पुलिस), जल संसाधन, आपदा प्रबंधन, राजस्व विभाग तथा कृषि विभाग की अहम भूमिका रहेगी। किसी आपदा के दौरान एमपीईआर अलर्ट के सक्रिय होने पर मीडिया और आम लोगों के लिए ताजा सूचनाएं और फोटोग्राफ्स एजेंसी की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस सिस्टम के जरिए आपदा की स्थिति में टेलीविजन और रेडियो प्रसारण में इमरजेंसी टोन सुनाई देगी। सोशल मीडिया के फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म्स तक आम लोगों तक बड़ी संख्या में पहुंच के चलते एमपीईआर अलर्ट की उपयोगिता बाबत जानकारी भी दी जाएगी।