भारतीय कोचिंग स्टाफ में अपने लिए एक अच्छा नाम बनाने से लेकर दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित बनने तक, पिछले एक दशक में पैडी अप्टन ने एक लंबा सफर तय किया है। दक्षिण-अफ्रीकी ने अपने युवा खिलाड़ियो को अपने बहुत साल दिये है और उनके द्वारा शिक्षित किए गए खिलाड़ियो की सफलता उनके सभी शोध को दर्शा रही है।
वह वास्तव में एक विश्वकोश है जब क्रिकेटर्स माइंडसेट, उनके रणनीतिक दृष्टिकोण और उनके द्वारा जाने वाले विभिन्न मानसिक चरणों का अध्ययन करने की बात आती है। उन्होंने जयपुर के रेड बुल कैंपस क्रिकेट नेशनल टूर्नामेंट में क्रिकेटर से विशेष रूप से बात की और वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान एमएस धोनी के दृष्टिकोण के बीच प्रमुख अंतर के बारे में बात की।
अप्टन ने कहा, ” वे जानते है कि अपने गेम को पेस कैसे देना है। विराट अपनी पहली गेंद से ही रन रेट को बनाए रखते है धोनी की शुरुआत धीमी रहती है पर वे जानते है कि किस समय पर अपनी पारी में गति लानी है। वे दोनों समान रूप से प्रभावी हैं और वे पूर्णता के लिए अपने दृष्टिकोण का समय देते हैं।
अप्टन ने कहा, ” हमने स्पष्ट रूप से (कोहली में) क्षमता देखी। लेकिन बहुत सारे अन्य खिलाड़ियों के पास भी क्षमता थी, भारत में इसकी कोई कमी नहीं है। यह देखना शानदार है कि उन्होंने दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज बनने की उस क्षमता का अनुवाद कैसे किया।
2011 और 2019 दोनों भारतीय पक्षों को अच्छी तरह से तैयार किया गया है
राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच ने वर्तमान भारतीय सेटअप के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि प्रबंधन के लिए इस वर्तमान टीम में कुछ चीजों को सावधानीपूर्वक संभालना क्यों महत्वपूर्ण है। उन्होने विराट कोहली, एमएस धोनी और जसप्रीत बुमराह के नाम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सब वे खिलाड़ी है जो विश्वकप में टीम के लिए अहम भूमिका निभाने वाले है।
अप्टन ने आगे कहा, ” कुछ को छोड़कर यह मुख्य रुप से एक अलग खिलाड़ियो का गुच्छा है। टीम के दोनो भाग सही से तैयार है और मुझे लगता है कि वर्तमान भारतीय टीम से विराट कोहली का फॉर्म में होना टीम के लिए एक बड़ी संपत्ति है। और उनके पीछे धोनी को जानते है कि टीम को कैसे जीत की तरफ ले जाना है। बुमराह दबाव की स्थिती में शानदार रहे है, वह किसी को भी अपने गेंदो पर धुटने टिकवा सकते है जब वह अपने सर्वश्रेष्ठ में होते है।”