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    एमएस धोनी

    भारत ने कल अपने विश्वकप अभियान की शुरुआत दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ की और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी ने एक बार फिर भारतीय सैन्य बल के लिए अपना प्यार दिखाया क्योंकि उन्हे कल विकेटकीपिंग करते वक्त बालिदान चिह्न के दस्तानो के साथ देखा गया। इस चिह्न को पैरा कमांडो लगाते है।

    भारत ने दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ कल 6 विकेट से जीत दर्ज की है और धोनी ने यहा एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप आउट और टीम के लिए 34 रन का योगदान किया। “बालिदान बैज” या सेना के प्रतीक चिन्ह को उनके दस्ताने पर तब देखा गया जब उन्होने 40वें ओवर में युजवेंद्र चहल द्वारा फेंकी गई गेंद पर फेहलुकवेओ को स्टंपिंग आउट किया और इसे टेलीविजन रिप्ले में देखा गया।

    धोनी के दस्ताने की तस्वीरें कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और प्रशंसकों ने 37 वर्षीय के लिए प्यार और सम्मान डाला।

    बालिदान विशेष बलों का एक विशिष्ट प्रतीक है, जो पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा है। इसमें नीचे की ओर इंगित किया गया एक कमांडो डैगर है, जिसके ऊपर ब्लेड से फैले हुए पंख हैं और देवनागरी में उत्कीर्ण “बालिदन” के साथ ब्लेड पर एक स्क्रॉल लगाया गया है। केवल पैरामिलिट्री कमांडो को ही बालिदान बैज पहनने की अनुमति है।

    ऐसा पहली बार नही हुआ है जब एमएस धोनी ने हमारे देश के जवानो के लिए अपना प्यार दिखाया है। पुलवामा अटैक जिसमें हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे, धोनी एक विचार के साथ आए थे जिसमें टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक वनडे मैच आर्मी कैप पहनकर खेला था। उस मैच में धोनी और पूरी टीम आर्मी कैप के साथ मैदान पर उतरी थी और उन्होने इसके तहत भारतीय सैन्य बलो को अपनी श्रद्धांजली दी।

    भारतीय प्रादेशिक सेना ने नवंबर 2011 में धोनी को पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक प्रदान की थी। हालांकि, उन्होंने 2015 में पैरा ब्रिगेड के तहत अपना प्रशिक्षण किया। 2018 में, धोनी 3 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अपने लेफ्टिनेंट कर्नल की वर्दी में दिखाई दिए थे।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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