भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस समय तीन वनडे मैचो की श्रृंखला खेली जा रही है। जहा अब दोनो टीम एक-एक मैच जीतकर बराबरी पर है। सीरीज का आखिरी और तीसरा वनडे मैच शुक्रवार को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा। लेकिन पहले वनडे मैच में भारतीय टीम को मिली हार के बाद धोनी की धीमी गति की बल्लेबाजी के ऊपर कई बाते की गई थी। मैच खत्म होने के बाद रोहित शर्मा ने भी कहा था कि धोनी को अपने आदर्श स्थान नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के लिए उतारा जाना चाहिए।
भारतीय एकदिवसीय उप-कप्तान के पास उनके कारण थे जिसमें “धोनी समूह के मार्गदर्शक प्रकाश थे।” और उन्होने कहा वह गेदंबाजो को दबाव में डालते आए है और आगे भी डाल सकते है। हालांकि, वह टीम प्रबंधन के फैसले के साथ है जिसमें धोनी अभी नंबर पांच पर ही बल्लेबाजी करे, जिसमें भारतीय टीम एडिलेड में खेले जाने वाले वनडे मैच में एडिलेड में सीरीज बराबर करते हुए देख रही है।
लेकिन क्यो रोहित चाहते है कि धोनी नंबर चार पर बल्लेबाजी करें?
बल्लेबाजी के विभिन्न आयाम है। पहला टॉप ऑर्डर की भूमिका, जो एक पारी की नींव रखने के लिए काम आता है और दूसरी भूमिका फिनिशर की जो मैच खत्म करने के काम आए। जो कहते है धोनी के बल्लेबाजी करने के दिन चले गए है और मैच खत्म करने के दिन अब ऋषभ पंत के है, उन्हे दोबारा सोचना चाहिए क्योंकि उम्र के साथ बल्लेबाज की भूमिका में भी बदलाव आया है।
जब धोनी कप्तान थे, वह उस समय भारतीय टीम के लिए मैच फिनिश करने की भूमिका निभाते थे और वह इस कार्य में महान थे। लेकिन जब उन्होने जब से कप्तानी छोड़ी है और विराट कोहली को सौंपी तब से वह चीजो को घुमा नही पा रहे है। वह खुद भी इस क्रम में जाना पसंद करते थे और यहां तक कि एक नंबर चार स्लॉट को भी बुरा नहीं मानते है। टीओआई ने अपने इस कॉलम में बताया है, जहा उनके विशेषज्ञ का मानना है कि आईपीएल इतना अच्छा रहने के बाद धोनी के लिए नंबर पांच पर बल्लेबाजी करना भी ठीक है।
हालांकि, इस वक्त धोनी की नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने का बहुत विरोध किया जा रहा है। दर्शक चाहते है कि धोनी को नंबर-6 पर बल्लेबाजी के लिए उतारा जाए। हालांकि मंगलवार को मैच जीतवाने में अहम पारी खेलने के बाद धोनी ने अपने आलोचको का मुंह बंद कर दिया है। देर मे या बाद में, टीम मैनेजमेंट को धोनी के ऊपर बहुत विश्वास है और इसलिए टीम प्रबंधन 2019 विश्वकप की दौड़ से ऋषभ पंत को बाहर कर सकते है।
धोनी अंत तक निश्चित रूप तक टिक सके, लेकिन उनकी मुख्य भूमिका इस वक्त बैट से लंबी पारी खेलने की है। अगर रोहित कप्तान होते तो ऐसा ही करते।