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    dawood ibrahim

    अमेरिका की फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन को शक है कि अंडरवर्ल्ड का डॉन दाऊद इब्राहिम अभी पाकिस्तान में है। हाल ही में इब्राहिम के करीबी सहायक और कराची के कारोबारी जाबिर मोतीवाला की गोपनीय रिकॉर्डिंग को सुना गया था। मंगलवार को मोतीवाला की ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत में अमेरिका में प्रत्यर्पण की सुनवाई का दूसरा दिन था।

    पाकिस्तान में छिपा है दाऊद

    अमेरिका की सरकार की तरफ से बैरिस्टर जॉन हार्डी ने कहा कि “मोतीवाला डी-कंपनी का उच्च दर्जे का सदस्य है। यह एक आपराधिक संगठन है, जिसका मुखिया दाऊद इब्राहिम है। दाऊद इब्राहिम को भारत में वांटेड घोषित कर रखा है और उसके समूह ने साल 1993 में मुंबई में सिलसिलेवार विस्फोट को अंजाम दिया था।

    इस हमले में कई बेकसूर लोगो ने अपनी जान गंवाये थी और बुरी तरह जख्मी हुए थे। हार्डी ने दावा किया कि एफबीआई के एजेंट्स के साथ बातचीत के दौरान कारोबारी ने भारत, पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात में डी-कंपनी की गतिविधियों का भी खुलासा किया है।

    एफबीआई के तीन पाकिस्तानी एजेंटो ने मोतीवाला से पांच वर्षों में कराची और अटलांटिक शहर से अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी पर विस्तार से बातचीत की थी। मोतीवाला को नहीं मालूम था कि जिनके साथ वह समझौता कर रहा है वह एफबीआई के एजेंट्स है।

    ब्रितानी हिरासत में है मोतीवाला

    गोपनीयता से उसकी ऑडियो, वीडियो और लिखित में उसके खिलाफ सबूतों को इकठ्ठा कर दिया था ताकि उसे बाद में गिरफ्तार किया जा सके। मोतीवाला की कानूनी टीम के अध्यक्ष एडवर्ड फिट्जगेराल्ड ने दावा किया कि इस घटना की तारीख सालो पहले की है और साल 2014 से 2018 के बीच काफी समय का अंतराल है। साथ ही उन्होंने एक कारोबारी को आपराधिक गतिविधियों में गैर कानूनी तरीके के इस्तेमाल पर सवाल भी खड़े किये थे।

    मोतीवाला के मानसिक जांच करने वाले चिकित्सक ने अदालत में कहा कि “वह पाकिस्तान में दिग्गज कारोबारी था और उसके अवसाद का लम्बा इतिहास है और उसने तीन मौको पर खुदखुशी करने की कोशिश की है।”

    पाकिस्तानी नागरिक को बीते वर्ष अगस्त में हिल्टॉन से गिरफ्तार किया गया था। एफबीआई ने कारोबारी पर धनशोधन के आरोप लगाए थे और वह गैरकानूनी पदार्थों के आयात की आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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