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पाकिस्तान

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स के सतह पाकिस्तान अपने पक्ष जुटाने की कोशिश कर रहा है। अक्टूबर में पाक की आतंक वित्तपोषण को रोकने के एक्शन प्लान की समीक्षा की जाएगी। बीते महीने एफएटीएफ के क्षेत्रीय सहयोगी ने पाकिस्तान को इस सूची में डाल दिया था।

पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई

पाकिस्तान अपने आतंकी समूहों की तरफ जटिलता के कारण एफएटीएफ की रडार पर है। लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान में हैं और हाफिज सईद के जैसे आतंकवादी खुलेआम भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देते हैं और कथित अनुदान एकत्रित करते दिखाई देते हैं।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को सकहत चेतावनी दी है कि एक्शन प्लान का कार्य अक्टूबर तक पूरा करे नहीं तो काली सूची में शमिल होने को तैयार रहे। एफएटीएफ की बैठक 13 से 18 अक्टूबर तक पेरिस में आयोजित हुई थी जहां एक्शन प्लान के साथ पाकिस्तान की अनुरूपता का आंकलन किया गया था।

अपने पक्ष में परिणाम के लिए गलत तरीके से एक पक्ष का झुकाव अपनी तरफ कर रहा है। पाकिस्तान के प्रधनामंत्री इमरान खान ने जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं से सितम्बर में आयोजित यूएन महासभा के इतर मिले थे।

एफएटीएफ से सम्बंधित मामलो पर समर्थन और ग्रे लिस्ट प्रक्रिया पर सहयोग के लिए इमरान खान ने इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, इटली, बेल्जियम, नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, अमेरिका और एर्जेंटीना के नेताओं से भी मुलाकात की थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कुवैत, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, चीन, ओमान, क़तर, यूएई, रूस ग्रीस, ऑस्ट्रिया, स्पेन, लक्सेम्बर्ग, आयरलैंड, ब्राज़ील और अन्य देशो के साथ यूएन महासभा के इतर मुलाकात की थी।

हालिया आंकलन के अनुसार पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 11 प्रतिबध्ताओं में से 10 को पूरा नहीं किया है। एफएटीएफ के एक्शन प्लान के तहत पाकिस्तान के समक्ष प्रदर्शित करने को कुछ नहीं है, उन्होंने 900 से अधिक विभिन्न आतंकी संघठनो की संपत्ति को जब्त किया है।

एफएटीएफ के सभी मानको पर पाकिस्तान खरा नहीं उतर सका है। एपीजी द्वारा पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो पाकिस्तान को हाफिज सईद, मसूद अजहर और अन्य यूएन द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का कसूरवार ठहराती है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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