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    अजित डोभाल

    फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स ने पाकिस्तान परअपनी सरजमीं से संचालित आतंकवादियों समूहों को खत्म करने के लिए अत्यधिक दबाव बना रखा है। एफएटीएफ की बैठक पेरिस में जारी है। डोभाल एंटी टेररिज्म स्क्वाड के प्रमुखों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि ” आज के दौर में कोई भी देश जंग को झेल नहीं सकता है क्योंकि वित्तीय और मानवीय नुकसान काफी ज्यादा है और कोई भी जीत के बारे में सुनिश्चित नहीं है। पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल राज्य के एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।”

    उन्होंने कहा कि “आतंकवाद एक न्यूनतम कीमत का सतत विकल्प है जो दुश्मनों को काफी घातक प्रहार कर सकता है।”  एफएटीएफ एक आंतरिक सरकारी संस्था है जिसका गठन साल 1989 में धनाशोधन, आतंकी वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य सम्बंधित खतरों के मामले का अंत करने के लिए किया गया था।”

    पाकिस्तान अपने आतंकी समूहों की तरफ जटिलता के कारण एफएटीएफ की रडार पर है। लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद पाकिस्तान में हैं और हाफिज सईद के जैसे आतंकवादी खुलेआम भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देते हैं और कथित अनुदान एकत्रित करते दिखाई देते हैं।

    एफएटीएफ ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी है कि एक्शन प्लान का कार्य अक्टूबर तक पूरा करे नहीं तो काली सूची में शमिल होने को तैयार रहे। एफएटीएफ की बैठक 13 से 18 अक्टूबर तक पेरिस में आयोजित हुई थी जहां एक्शन प्लान के साथ पाकिस्तान की अनुरूपता का आंकलन किया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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