प्रीमियम स्मार्टफोन में हमेशा बड़ा नाम रही एप्पल अब देश के बाज़ार में अपनी पकड़ खोतो हुई दिख रही है। एप्पल को अन्य प्रतिद्वंदी कंपनियों से कीमत व तकनीक के मामले में सीधी मात मिल रही है।
हाँगकाँग स्थित एक रिसर्च सोसाइटी ने बताया है कि भारत में वर्ष 2017 में जहां एप्पल ने आपले 30 लाख फोन बेंचे थे, वर्ष 2018 में यही आँकड़ा घट कर 20 लाख फोन तक पहुँच गया है।
वहीं इन 20 लाख आइफोन में से आधे से अधिक आइफोन कम कीमत वाले थे। ऐसे में जिस देश में प्रति व्यक्ति आय 2 हज़ार डॉलर (लगभग 1 लाख 44 हज़ार रुपये) है, वहाँ लोग 76 हज़ार 900 रुपये की कीमत का आइफोन बड़ी तादाद में क्यों ही खरीदेंगे?
हालाँकि एप्पल को बिक्री के मामले में सबसे बड़ी मात चीन की वन प्लस व कोरियाई कंपनी सैमसंग से मिल रही है। इन दोनों ही कंपनियों के अच्छे स्मार्टफोन 400 डॉलर (लगभग 29 हज़ार रुपये) में उपलब्ध हैं।
कीमत की ही वजह से भारत जैसे देश में आइफोन की चाहत रखने वाले लोग भी इसे खरीद नहीं पा रहे हैं।
वहीं आईफोन से आधी कीमत में उससे बेहतर कैमरा, अधिक स्टोरेज व उच्च प्रॉसेसर वन प्लस जैसी कंपनियाँ उपलब्ध करवा रही हैं।
हालाँकि रिसर्च के आँकड़ों के अनुसार एप्पल ने भले ही कम स्मार्टफोन बेंचे हो लेकिन भारत से कमाए गए राजस्व के मामले में एप्पल अभी भी वन प्लस से आगे हैं। इस साल एप्पल को भारत से करीब 2 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ है।
अपनी बिक्री में आई कमी के कारण ही एप्पल अब भारत में अपने डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या को औसतन 5 से घटाकर 2 करने का विचर कर रही है।