आप ने अक्सर एपीआई (API) के बारे में सुना होगा पर इसके बारे में जानते नहीं होंगे। आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद एपीआई के बारे में सब कुछ जान जायेंगे।
विषय-सूचि
एपीआई की फुल फॉर्म (api full form in hindi)
एपीआई की फुल फॉर्म एप्लीकेशन प्रोगरामिंग इंटरफ़ेस (application programming interface) होता है।
एपीआई कोड का एक संग्रह यानी ग्रुप होता है, जो की किसी निश्चित कार्य के लिए बनाया जाता है एवं यह एक मोड्यूल यानी ढाँचे की तरह काम करता है।
एपीआई क्या है? (api meaning in hindi)
इस सेट ऑफ़ कोड एवं प्रोसीजर को कोई भी दूसरा अपनी वेबसाइट, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम मे इंटेग्रटे कर सकता है।
इसको आप इस तरह भी समझ सकते हैं की एपीआई एक ऐसा सिस्टम है, जिसकी सहायता से कोई भी एप्लीकेशन काम कर पाता है।
जब भी एप्लीकेशन इंटरनेट से कनेक्ट होता है तो वह एक सर्वर में डाटा भेजता है। सर्वर इस डाटा को लेकर आप जो काम चाहते हैं उसे करता है और फिर उस डाटा को आपके कंप्यूटर पर वापस भेज देता है।
इसको एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिये आप किसी होटल में खाना खाने जाते हैं वहां वेटर आपको मेन्यू देगा।
फिर आप उसे खाने का आर्डर देंगे जो वह रसोइये के पास ले जायेगा। रसोइया खाना बना देगा, जो वेटर आपको परोस देगा। यहाँ वेटर एपीआई है, जिसका मुख्य काम दो कड़ियों को जोड़ना है।
लगभग सभी वेबसाइट के अलग-अलग एपीआई होते हैं जिन्हे कोई दूसरा अपनी वेबसाइट में इंटिग्रेटे कर सकता है। एक और उदाहरण से समझिये – आप ने कई ऐसी वेबसाइट या अप्लीकेशन जरूर देखे होंगे जो आप को फेसबुक या जीमेल अकाउंट से भी लॉगिन करने देते होंगे।
अगर आपके पास जीमेल, फेसबुक का यूजर नेम है तो आप उन साइट्स पर बिना किसी रजिस्ट्रेशन के आसानी से लॉगिन कर सकते है।
यह पॉसिबल है फेसबुक, जीमेल के लॉगिन एपीआई की वजह से जो की दूसरी साइट अपनी एपीआई इंटरग्रटे (मर्ज) करती है और उस लॉगिन एपीआई की वजह से ही आप उस साइट पर लॉगिन कर पाते है।
एपीआई काम कैसे करता है? (working of api in hindi)
अब आप सोचिये की एक ही वॉलेट यानि एक ही एप्लीकेशन या वेबसाइट कितनी सारी वेबसाइट से कैसे जुडी हुई होती है? इसके पीछे एपीआई काम करता है। ऐसे में एपीआई वेबसाइट डिजाइनिंग में बहुत सहायक है।
दरसअल, एप्लीकेशन का कनेक्ट यानि कनेक्शन हजारो कंपनियो के डाटाबेस के साथ होता है जिसके साथ एप्लीकेशन डील करते हैं। और जिसकी वजह से ही हम एक ही वॉलेट पर इतनी कंपनियो का आनंद ले पाते है। यही कनेक्शन API कहलाता है।
चलिए बात फ़ोन की करते है, आपने अपने स्मार्टफोन में कभी न कभी तो गेम खेल ही होगा, वह गेम कोई सा भी हो यह डिपेंड नही करता. और चाहे आपका स्मार्टफोन भी एंड्राइड हो या IOS और विंडो, इससे भी फर्क नही पड़ता।
लेकिन आप ने जरूर देखा होगा की कई बार हम जब गेम इनस्टॉल करते है तो वह हमसे कई बार परमिशन मांगी जाती है। हमें परमिशन क्यों देनी पड़ती है, इसके पीछे क्या कारण है ? इसके पीछे एपीआई कार्य करता है, ये ऍप्लिकेशन्स को परमिशन के दे दिए जाने के बाद हमारे फ़ोन या कंप्यूटर को चेक करता है और अच्छी तरह जाँच लेता है की यह मोबाइल किस तरह का साउंड प्ले कर सकते है, किस तरह का ग्राफ़िक्स इसमें प्ले हो सकता है और भी बहुत कुछ।
इसके बाद वह गेम और एप्लीकेशन अपने हिसाब से हमारे फ़ोन में बिना दिक्कत के आसानी से रन कर पाता है।
एपीआई के प्रकार (types of api in hindi)
एपीआई को मुख्य रूप से चार स्तरों में विभाजित किया जा सकता है।
- प्रोसीज़रल – ये एपीआई सर्वर से जुड़ कर कोई फाइल खोलने के लिए सामान्य इंटरफ़ेस प्रदान करती है।
- ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड – ये एपीआई सिस्टम ऑब्जेक्ट्स में जो मुश्किल कार्य हैं उन्हें सर्वर तक पहुंचाता है। ये बहुत ही शक्तिशाली होता है और ज्यादा लोड उठा सकता है।
- सर्विस ओरिएन्टेड – यह बहुत सारी सेवाओं और कार्यों को एक प्रोटोकॉल के रूप में एप्लीकेशन से सर्वर तक पहुँचाने में जिम्मेदार होता है , ज्यादातर शॉपिंग वेबसाइट इसका उपयोग करती हैं।
- रिसोर्स ओरिएन्टेड – जब हम किसी एप्लीकेशन को चलाते हैं तो एपीआई हमारे डाटा को जूटा कर सर्वर में भेज देता है। इसका उपयोग बड़ी कंपनियां करती हैं, जो पूरी तरह सिक्योर रहना चाहती हैं।
क्या एपीआई सुरक्षित है? (api safety in hindi)
एपीआई हमारा डाटा एक सर्वर तक ले जाती है तो सवाल ये उठता है की जो डाटा सर्वर तक पहुँच रहा है , क्या वह सुरक्षित है?
दरअसल, यह वही डाटा सर्वर तक भेजता है जो काम आप करना चाहते हो। इसे एक उदाहरण से समझिये- मान लीजिये आप यूट्यूब पर कोई वीडियो अपलोड कारना चाहते हैं तो अपलोड सम्बन्धी डाटा ही सर्वर तक पहुंचेगा।
ऐसे में ये बिलकुल सुरक्षित हैं। कई बड़ी कंपनी इसका उपयोग कर रही है जैसे गूगल, विकिपीडिआ , अमेज़न आदि। इससे ये तो कहा ही जा सकता है एपीआई सुरक्षित है।
कुछ जाने माने एपीआई के उदहारण (examples of api in hindi)
- गूगल मैप एपीआई: गूगल मैप एपीआई मोबाइल एंड डेस्कटॉप ब्राउज़र के लिए बनायी जाती है जिसको इस्तेमाल करके प्रोग्रामर्स गूगल मैप को वेब पेजेज मे डाल पाते है।
- यूट्यूब एपीआई: यूट्यूब एपीआई की सहायता से यूट्यूब की वीडियोज़ को वेबसाइट एवं ऍप्लिकेशन्स मे डाला जाता है।
- इ कॉमर्स एपीआई: अलग अलग इ कॉमर्स एप्लीकेशन के लिए एपीआई आती है जैसे की Product Advertising API, Product Information एपीआई आदि।
- पेमेंट गेटवे एपीआई: पेमेंट गेटवे एपीआई को उपयोग करके विक्रेता पेमेंट को प्रोसेस कर सकते है।
- विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम एपीआई: विंडोज मे मल्टीमीडिया से रिलेटेड टास्क जैसे की गेमिंग, ग्राफ़िक डिजाइनिंग आदि को मैनेज करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट डायरेक्ट X की कलेक्शन ऑफ़ एपीआई को उपयोग करते है।
- मोब एपीआई: एक प्रोग्रामर जो की एंड्राइड मोबाइल के लिए एप्लीकेशन डेवलप करता है वह हार्डवेयर से इंटरैक्ट करने के लिए एंड्राइड एपीआई को इस्तेमाल कर सकता है।
एपीआई से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
api ka programming mein kya matlab hota hai? app api to pata hai lekin programming mein bhi api ka istemaal hota hai.
नमस्कार विनोद, एपीआई प्रोग्रामिंग का टूल होता है। इसकी सहायता से ही प्रोगरामिंग होती है।
Sir क्या एपीआई सर्विस प्रोवाईडर आपकी वेबसाईट से जुड़े ग्राहकों का डाटा भी चोरी कर सकता है ?
मैं फ्लाईट टिकटिंग वेबसाईट शुरू करना चाहता हूं , मैं जानना चाहता हूं कि क्या एयरलाईंस टिकटिंग (फ्लाईट) API प्रोवाईडर टिकटों की कीमत भी बढ़ा सकता है , क्या फ्लाईट API प्रोवाईडर आपके ग्राहकों का डाटा भी चोरी कर सकता है ??