सरकार ने कैबिनेट में बदलाव किये है मगर बीजेपी की सहयोगी पार्टी में से किसी को भी मौका नहीं मिला है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नई कैबिनेट को लेकर आये फेरबदल जिनमे बीजेपी के नेता के अलावा कोई नहीं है। इस निर्णय से शायद एनडीए में फुट पड़ती दिखाई दे रही है।
नई कैबिनेट से नाराज शिवसेना ने अपने सभी वरिष्ठ नेताओ की बैठक बुलाई है। इधर जेडीयू के नितीश कुमार और के सी त्यागी ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है।
सूत्रों की माने तो शिवसेना इस विस्तार से काफी नाराज़ है। शिवसेना के नेता संजय राउत ने इसे एनडीए की मौत बताई है।
सामना में भी लिखा है कि अच्छे दिन कब आएंगे
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है की मोदी सरकार को तीन साल होने आये है फिर भी इसमें बदलाव जारी है। एक सम्पादकीय में लिखा की लोग अभी तक अच्छे दिनों का इंतज़ार कर रहे है।
केसी त्यागी ने भी जताई नाराज़गी
जेडीयू के सांसद और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कैबिनेट में हुए बदलाव को देखते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से हम निराश नहीं है। लेकिन हमें उम्मीद थी की जिस प्रकार जेडीयू और बीजेपी मिलकर बिहार में काम कर रही है। उस हिसाब से जेडीयू के लोगो को भी केंद्र के कैबिनेट में जोड़ना चाहिए था।
जेडीयू की ओर से दो मंत्रालयों की मांग की गयी थी। वहीं शिवसेना ने तीन मंत्रालयों की मांग की थी और तर्क दिया था की शिवसेना के पास जेडीयू से अधिक सांसद है। जब नई कैबिनेट की घोषणा हुई तब इन दोनों पार्टियों को एक भी पद नहीं दिया जिससे अभी तनाव का माहौल बना हुआ है।