प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा नदी को प्रदूषित करने वालों की खैर नहीं है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद नगर निगम गंगा घाट पर गंदगी फैलाने वालों पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन का मानना है कि जुर्माना लगाने से लोग गंगा नदी को प्रदूषित कम करेंगे।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा में प्रदूषण फैलाने को लेकर बड़ी सख्ती की जा रही है। गंगा घाट पर कपड़े धोने पर 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिमा विसर्जन, पूजा सामग्री विसर्जित करने पर 10,000 रुपये तक, गंगा किनारे मल-मूत्र विसर्जन पर 10-20 हजार रुपये तक जुर्माना तय किया गया है। इस प्रस्ताव पर गंगा समिति की बैठक में मुहर लग जाएगी।
प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद जिला अधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में गंगा समिति का गठन हुआ है, जिसके करीब पांच माह पूर्व नगर निगम ने उप-विधि बनाकर जुर्माने का स्लैब तय किया। पूर्व नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी के वक्त यह कवायद हुई, लेकिन इस पर अमल अब शुरू हुआ है।
अपर नगर आयुक्त अजय सिंह ने बताया कि एनजीटी के निर्देशानुसार गंगा नदी में गंदगी फैलाने वालों पर नगर निगम जुर्माना लगाने जा रहा है। इसका निर्धारण गंगा समिति की बैठक में किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी कलिका सिंह ने बताया कि गंगा नदी में गंदगी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभागों को जुर्माने से संबंधित आवश्यक निर्देश-सुझाव दिए गए हैं। आने वाले समय में आवासीय भवनों के अलावा होटल, रेस्टोरेंट व अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाला सीवेज व गंदा पानी गंगा में जाने पर इनके मालिकों व संचालकों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।