Mon. Dec 23rd, 2024
    बांग्लादेश और भारत

    बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने गुरूवार को कहा कि “वह प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन से संतुष्ट है कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजिका के लागू होने से हमारे देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” भारतीय आर्थिक सम्मेलन में शामिल होने के लिए हसीना नई दिल्ली में हैं और शनिवार को द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करेंगी।

    एनआरसी मुद्दे पर बांग्लादेश आश्वस्त

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के राजदूत सैयद मुआज्ज़ेम अली ने हसीना के लिए एक रिसेप्शन का  आयोजन किया था। हसीना ने कहा कि “उन्हें इसमें कोई दिक्कत नजर नहीं आती है। मैंने पीएम मोदी के साथ की थी, सब कुछ अच्छा है।”

    उन्होंने एक सप्ताह पूर्व पीएम मोदी से न्युयोर्क में मुलाकात की थी और कहा कि एनआरसी बंगलादेशियो के लिए गंभीर चिंता का कारण बनता जा रहा है। भारतीय प्रधानमन्त्री ने बंगलादेशी समकक्षी को आश्वस्त किया और कहा कि इसमें घबराने की कोई बता नहीं है, दोनों देशो के बीच अच्छे सम्बन्ध है।”

    केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह ने मंगलवार को कोलकाता में दोहराया कि “सरकार हर एक घुसपैठिये की पहचान करेगी और उन्हें वापस भेजेगी।” एनआरसी में अभी तक 3.11 करोड़ लोगो को नागरिक का दर्जा दिया है और 19 लाख लोगो को इस सूची से बाहर रखा है।

    असम की नागरिकता पहचान भी बांग्लादेश के लिए चिंताओं को उत्पन्न कर सकती है। भारत के नागरिक नहीं माने जाने वालो को वापस बांग्लादेश भेजे जाने का भय है। भारत के मुताबिक यह आंतरिक मामला है और यह बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा।

    बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल ने कहा कि “वह वार्ता के दौरान एनआरसी मामले और लंबित तीस्ता जल संधि के मामले को उठाएंगे।” डब्ल्यूईएफ के सम्मेलन में हसीना ने कहा कि “बांग्लादेश उप क्षेत्र का आर्थिक हब के तौर पर भूमिका अदा कर सकता है। अपने मुल्क के 16.2 करोड़ लोगो के आलावा बांग्लादेश तीन अरब लोगो के बाजार को जोड़ सकता है।”

    शुक्रवार को हसीना भारत के चयनित सीईओ जे साथ मुलाकात करेगी और भारत-बांग्लादेश कारोबारी मंच का उद्घाटन करेगी। शुक्रवार को शाम को सिंगापुर के उप प्रधानमन्त्री हेंग स्वी काट शेख हसीना के साथ बैठक करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *